देवी काली पर टिप्पणी करने के बाद तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा इन दिनों चर्चाओं में हैं। लोग उनकी इस टिप्पणी पर आपत्ति जता रहे हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी की महिला वर्करों ने सड़क पर उतर कर अपना विरोध जताया है। उन्होंने टिप्पणी को लेकर मोइत्रा की गिरफ्तारी की मांग उठाई है।
बीजेपी महिला कार्यकर्ताओं के इस प्रदर्शन पर लोग भड़क गए। कुछ ट्विटर यूजर ने उनसे सवाल किया कि क्या मां काली पार्टी मजबूत करने का साधन हैं। आरडी स्वामी नाम के एक ट्विटर यूजर ने कहा, “मीडिया इनमें से कोई भी एक से पूछो मां काली है क्या माया है? शक्ति है? देवी है? योगीनी है? अवतारी है? प्रगट है? नारी है? नारायणी है? या पार्टी मजबूत करने का साधन? “
बता दें कि डॉक्यूमेंट्री “काली” के एक पोस्टर को लेकर चल रहे विवाद के बीच महुआ मोइत्रा की टिप्पणी ने और बवाल मचा दिया है। इंडिया टुडे पर एक इंटरव्यू के दौरान टीएमसी सांसद ने कहा कि उनके लिए काली मांस-मदिरा स्वीकार करने वाली देवी है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इससे किसी की भावनाएं आहत होंगी, ये मेरी आजादी होनी चाहिए कि मैं अपने भगवान की कल्पना किस तरह करती हूं।
टीएमसी ने बयान से किया किनारा
महुआ मोइत्रा के बयान की टीएमसी ने कड़ी आलोचना करते हुए बयान से किनारा कर लिया है। टीएमसी ने महुआ मोइत्रा के मां काली पर दिए गए बयान पर पल्ला झाड़ लिया है।
कहां से शुरू हुआ विवाद
बता दें कि कनाडा में डॉक्यूमेंट्री काली का एक पोस्टर जारी किया गया। इस में काली के हाथ में सिगरेट है और एक हाथ में वो LGBTQ का फ्लैग लिए हुए नजर आ रही हैं। यह पोस्टर जारी होने के बाद भारत में भूचाल आ गया है। सोशल मीडिया पर लोग फिल्म की निर्माता लीना मणिमेकलाई को खूब सुना रहे हैं। उधर, मणिमेकलाई की तरफ से भी इस पर स्पष्टीकरण आया है। उन्होंने तमिल में पोस्ट शेयर करते हुए कहा, “इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक शाम काली प्रकट होती हैं और टोरंटो की सड़कों पर घूमने लगती हैं। अगर आप इस फिल्म को देखेंगे तो आप मेरी गिरफ्तारी की मांग नहीं करेंगे, बल्कि मुझेस प्यार करने लगेंगे।”