सियासी दलों द्वारा लोकसभा चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाने लगा है। इसी क्रम में सत्ताधारी भाजपा भी यादव बहुल इटावा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, फर्रुखाबाद और कन्नौज संसदीय सीटों पर परचम लहराने के लिए खास तैयारी में जुटी हुई है। दरअसल, यह इलाका समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है। यहां भाजपा विभिन्न जाति के मतदाताओं के सहारे जीत हासिल करना चाहती है।

मैनपुरी सीट पर बीजेपी रही है हमेशा से बेअसर

खास बात यह है कि उक्त यादव बहुल क्षेत्रों में मैनपुरी की सीट ऐसी रही है, जहां भाजपा हमेशा बेअसर रही है। जबकि एटा सीट से दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने बेटे राजवीर सिंह राजू लगातार निर्वाचित होते चले आ रहे हैं। फिरोजाबाद संसदीय सीट पर भी इस वक्त भाजपा का कब्जा है। यहां से भारतीय जनता पार्टी के चंद्रसेन जादौन 2019 के चुनाव में सपा के अक्षय यादव के मुकाबले जीत हासिल किए थे। हालांकि भाजपा अभी तक यहां से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर सकी है। जबकि सपा ने फिर से अक्षय यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है।

इटावा और फर्रुखाबाद पर पार्टी का है कब्जा

इटावा सीट से साल 2009 में प्रेमदास कठेरिया ने सपा से जीत हासिल की थी। 2014 के चुनाव में भाजपा के अशोक दोहरे को जीत मिली। 2019 में भाजपा के रामशंकर कठेरिया को जीते। एकबार फिर से भाजपा ने कठेरिया पर ही अपना भरोसा जताया है। इटावा की तरह ही फर्रुखाबाद संसदीय सीट पर भी 2014 से भाजपा का कब्जा है। 2014 में मुकेश राजपूत भाजपा के उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे। 2019 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। इस बार भी पार्टी ने मुकेश राजपूत पर ही भरोसा जताया है।

कन्नौज सीट पर लड़ सकते हैं अखिलेश यादव

साल 2000 से कन्नौज सीट पर सपा का कब्जा बना हुआ था, लेकिन 2019 के चुनाव में भाजपा के सुब्रत पाठक ने सपा की डिंपल यादव को पराजित कर दिया। भाजपा ने फिर से इस सीट पर सुब्रत पाठक को ही मैदान में उतारा है। सपा की ओर से फिलहाल अभी इसी पर किसी उम्मीदवार को नहीं उतर गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव मैदान में उतरेंगे।

यादव बहुल मैनपुरी संसदीय सीट ऐसी सीट है जिस पर भाजपा जीत के लिए तरस रही है। 1996 से इस सीट पर सपा परिवार का ही कब्जा है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उत्तराधिकारी के रूप में बहू डिंपल यादव को चुनाव मैदान में उतर गया। यहां से डिंपल यादव ने भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को हराकर जीत हासिल की थी।

अब भाजपा यादव बहुल इन इलाकों में जीत का दावा कर रही है, वही इंडिया की पीडीए का अलग ही रुतबा देखने को मिल रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव कहते है कि सपा की ओर से अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया गया है, जिनकी मेहनत के बल पर यादव बहुल सभी सीटों पर सपा के उम्मीदवारों की ही जीत होगी। उन्होंने यूपी की सभी 80 सीटों पर जीत का दावा किया है।

उधर, मैनपुरी के भाजपा विधायक और उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का मानना है कि यादव बहुल सभी सीटों पर इस दफा भाजपा का कब्जा होगा। भाजपा ने ऐसी रणनीति बनाई है कि हर हाल में पार्टी के उम्मीदवारों को ही कामयाबी हासिल होगी।