जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भरोसा जाहिर किया कि उनकी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस राज्य के आगामी विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगी। उमर ने पूर्वानुमान व्यक्त किया कि भाजपा को घाटी में ‘‘मुट्ठी भर वोट’’ ही मिलेंगे।
उमर ने उन्हें और उनकी सरकार को छह साल तक समर्थन देने के लिए कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी की तारीफ की और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सैफुद्दीन सोज सहित कांग्रेस के कुछ ऐसे नेताओं की आलोचना भी की जिन्होंने राज्य में ‘‘कभी भी नेशनल कांफ्रेंस को स्थिर नहीं होने दिया’’।
मुख्यमंत्री ने ‘हेडलाइंस टुडे’ न्यूज चैनल पर करण थापर को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘घाटी में लोग यदि भाजपा को वोट देंगे तो यह देखकर मुझे काफी हैरत होगी। उन्हें मुट्ठी भर वोट ही मिलेंगे। कुछ यहां, कुछ वहां। (घाटी में भाजपा का) कोई बड़ा असर नहीं होगा।’’
उमर ने चुनावों में अपनी पार्टी की संभावनाओं को लेकर भी भरोसा जाहिर किया। यह पूछे जाने पर कि क्या चुनावी नतीजे आश्चर्यजनक होंगे, उन्होंने कहा, ‘‘मैं निश्चित तौर पर इसे लेकर आशान्वित हूं।’’
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अपने कार्यकाल में विकास के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले छह सालों में आतंकवाद सबसे निचले स्तर पर है। अच्छा खासा विकास हुआ है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।’’
यूपीए सरकार द्वारा लागू किए गए खाद्य सुरक्षा कानून को राज्य में लागू न करने को लेकर हाल ही में सोनिया गांधी द्वारा की गई जम्मू-कश्मीर सरकार की आलोचना से जुड़े एक सवाल के जवाब में उमर ने कहा कि उनके करीबी लोगों ने इस मामले में उन्हें गलत तरीके से जानकारी दी थी।
उमर ने कहा, ‘‘मैं इसे साफ कर दूं, यह अक्षमता नहीं थी। कानून को लागू न करना एक सोचा-समझा फैसला था क्योंकि इससे 25 लाख नागरिक जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा दिए जाने वाले राशन से वंचित हो जाते।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर देश का इकलौता राज्य है जो खाद्य सुरक्षा कानून की वजह से दिक्कतों का सामना करता। सबसे दुर्भाग्य की बात यह है कि सोनिया गांधी के करीबी लोग इस तथ्य से बखूबी वाकिफ हैं।’’
उमर ने कहा कि पूर्व मंत्री अंबिका सोनी ने अपने कैबिनेट सहकर्मी के वी थॉमस से कहा था कि जम्मू-कश्मीर को इसकी वजह से समस्याओं का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सोनिया गांधी के लिए मेरे मन में बहुत आदर है। वह पिछले छह साल से हमारी सरकार को समर्थन दे रही हैं जिसके लिए मैं उनका आभारी हूं।’’
उमर ने कहा, ‘‘बदकिस्मती से, उनके करीबी लोग उन्हें गलत जानकारी दे रहे थे। यह सोचा-समझा फैसला था और जम्मू-कश्मीर में खाद्य सुरक्षा कानून लागू न करने का मुझे कोई अफसोस नहीं है।’’