पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रमुख दिलीप घोष ने विवादास्पद बयान दिया है। फेसबुक पर कथित तौर पर एक विवादास्पद टिप्पणी के बाद बीरभूम में हुई हिंसा वाली जगह से महज 50 किमी की दूरी पर बीजेपी ने एक रैली की। यहां दिलीप घोष ने कहा, ”पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। हम इस तरह की चीजों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। जो लोग देश विरोधी बयान देंगे, उनको सजा दी जाएगी। देश के खिलाफ बोलने वालों को छह इंच छोटा कर दिया जाएगा।”
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बीरभूम की सिऊरी में एक रैली को संबोधित करते हुए घोष ने कहा, ”यहां पुलिस हालात काबू करने में पूरी तरह नाकाम रही।” इसके बाद घोष ने डीएम को एक ज्ञापन भी सौंपा। बता दें कि बीजेपी के नाम पर ही यहां पर्चा बांटा गया है, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के ‘तालिबानी’ शासन के खिलाफ ‘हिंदू एकता’ की अपील की गई है। पर्चा बीरभूम बीजेपी जिला ईकाई ने नाम पर आसपास के इलाके में बांटा गया है। पर्चे में इलमबाजार में हुई हिंसा को लेकर आरोप लगाया गया है कि मुस्लिमों ने ‘पुलिस स्टेशन को घेर लिया’, वहां खड़े ‘राहगीरों’ पर हमला किया। यह भी आरोप लगाया गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने दुकानों और गाडि़यों में आग लगा दी।
सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सिऊरी में बीजेपी का प्रदर्शन सांप्रदायिक आधार पर वोटों का बंटवारा है। राज्य के मछली पालन मंत्री चंद्रकांत सिन्हा ने कहा, ”बीजेपी जो कह रही है, वो देश विरोधी है। और क्या कहा जा सकता है? वे बंगाल को दो धड़ों हिंदू और मुसलमान में बांटना चाहते हैं। आने वाले चुनावों के मद्देनजर वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश है।”