BJP MP Mahesh Sharma : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद और त्रिपुरा के प्रभारी महेश शर्मा (Mahesh Sharma) अपनी ही पार्टी के नेताओं के बीच शक के घेरे में आते दिख रहे हैं। भाजपा में वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों के साथ होने वाली बैठकों की गोपनीयता के बारे में विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है। पार्टी के नेता आमतौर पर इस बात पर चुप्पी साधे रहते हैं कि उनकी बैठकों में क्या हुआ। लेकिन इस सप्ताह के आखिर में राज्य के नेताओं के साथ एक बैठक में सांसद महेश शर्मा ने राज्य इकाई में कुछ नेताओं की पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर शीर्ष नेताओं के साथ हुई बातचीत से जुड़ा एक बयान दे दिया था। यह पार्टी के नेताओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्यों शक के घेरे में आ गए महेश शर्मा (Mahesh Sharma)
त्रिपुरा (Tripura) के प्रभारी महेश शर्मा (Mahesh Sharma) एक मीटिंग के दौरान राज्य इकाई में कुछ नेताओं की पार्टी विरोधी गतिविधियों और बगावत पर बोल रहे थे। इस दौरान महेश शर्मा ने पार्टी के एक शीर्ष नेता का हवाला दिया, जिनके साथ महेश शर्मा की पिछले सप्ताह राज्य में पार्टी के भीतर जारी इस ही बगावत के मुद्दे को लेकर मुलाकात हुई थी।
महेश शर्मा (Mahesh Sharma) ने कहा कि शीर्ष नेताओं ने बगावती लोगों के सामने उन नेताओं के भविष्य का उदाहरण रखा है जिन्होंने अतीत में विद्रोह किया था। जिनमें शंकरसिंह वाघेला और उमा भारती जैसे नाम शामिल थे। प्रभारी महेश शर्मा के इस बयान के बाद अब राज्य के पार्टी नेताओं के बीच प्रभारी महेश शर्मा को लेकर संशय की स्थिति पैदा हो रही है।
राज्य के नेता अब सोच रहे हैं कि अगर वे शीर्ष नेताओं के साथ अपनी बैठकों की गोपनीयता नहीं रखते हैं तो वे एसे “प्रभारी” पर कैसे भरोसा कर सकते हैं।
हाल ही में बनाए गए थे प्रभारी
गौतमबुद्ध नगर से भाजपा के सांसद महेश शर्मा को हाल ही में त्रिपुरा का प्रभारी बनाया गया है। 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को सामने रखते हुए भाजपा ने अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कई नेताओं की प्रभारी के तौर पर नियुक्ति की थी उनमें महेश शर्मा का नाम भी शामिल था।