प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुच्छेद 370 पर किसी भी बयान से बचने के बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि भाजपा इस विवादास्पद मुद्दे पर किसी भी प्रकार की प्रतिबद्धता से भाग रही है और इसके विपरीत वह जम्मू कश्मीर में ‘दो नावों पर पैर’’ रखकर चल रही है जिसका आमतौर पर डूबना तय माना जाता है।

नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष मुख्यमंत्री उमर ने भाजपा को एक ‘‘मौकापरस्त’’ पार्टी करार दिया जिसके साथ उनका मानना है कि कोई संबंध नहीं हो सकता। कांग्रेस के साथ राज्य में गठबंधन सरकार चला रहे उमर ने प्रदेश को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के संबंध में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा अलग अलग सुरों में बात किए जाने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह बात कही। भाजपा चुनाव प्रचार के दौरान इस मसले पर कोई सीधा बयान देने से बचती आ रही है।

उमर ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से, वे इस मुद्दे पर पकड़ में आने से बचना चाहते हैं क्योंकि यह उनके लिए समस्या होगा। जम्मू में, अनुच्छेद 370 एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है, जम्मू के ऊपरी इलाकों में वे इस पर चुप हैं और कश्मीर में उनके उम्मीदवार कहते हैं, ‘‘यदि आपने अनुच्छेद 370 को छुआ तो हम बंदूक उठा लेंगे, इसलिए वे राज्य में अलग अलग जगह अपने आप से ही विरोधाभास दिखा रहे हैं।’’

उमर ने विधानसभा चुनाव में अपने तूफानी प्रचार अभियान के दौरान ‘पीटीआई भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह बात कही। 44 वर्षीय उमर ने कहा, ‘‘वे किसी एक रुख पर अपनी जबान नहीं देना चाहते। लेकिन दो नावों की सवारी करने से आपका डूबना तय है।’’

जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ में कल प्रधानमंत्री मोदी ने अनुच्छेद 370 पर कोई भी राजनीतिक बयान नहीं दिया था। राज्य में 25 नवंबर से पांच चरणों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और व्यापक स्तर पर ऐसा माना जा रहा है कि 23 दिसंबर को चुनाव परिणाम त्रिशंकु विधानसभा की घोषणा करेंगे। लेकिन उमर ने कोई भविष्यवाणी करने से बचते हुए केवल इतना कहा, ‘‘मैं कभी भविष्यवाणियां नहीं करता। यह कभी मेरी आदत नहीं रही। स्कूल में भी मैंने कभी अपने परीक्षा परिणाम को लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं की और मैंने कभी भी अपने चुनाव परिणामों की भी घोषणा नहीं की।’’

हालांकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि त्रिशंकु विधानसभा की सूरत में वह भाजपा के साथ कोई संबंध नहीं जोड़ेगी जिसने उन पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया था। उमर ने कहा, ‘‘देखिए, मैं कोई अनुमान नहीं लगाना चाहता कि चुनाव के बाद क्या होगा। मुझे लगता है कि इंतजार करना चाहिए कि विधानसभा क्या आकार लेती है और उसके बाद फैसला करेंगे कि क्या करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि लोग यह जानने को बेहद बेताब हैं कि हम भाजपा के साथ क्या करेंगे। जहां तक मेरा संबंध है, जो पार्टी अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का आह्वान कर रही है, हमारे संविधान और ध्वज को ध्वस्त करना चाहती है और जो ऐसा सोचती है कि मैं एक चोर हूं तो वह अछूत पार्टी है। मैं ऐसा इंसान नहीं हूं कि जिस पर किसी और ने नहीं बल्कि प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया हो और एक महीना बाद, मैं जाऊं और उन्हीं से हाथ मिला लूं।’’

उमर ने कहा, ‘‘मैं भाजपा की तरह मौकापरस्त नहीं हूं। महाराष्ट्र में वे राकांपा को राष्ट्रवादी भ्रष्ट पार्टी कहते हैं और आज वे उनके समर्थन से राज्य में सरकार चला रहे हैं। ये मेरी राजनीति नहीं है। यदि मैं आज भ्रष्ट हूं तो मैं तीन महीने बाद भी भ्रष्ट रहूंगा। और यदि भाजपा मेरे बारे में ऐसा सोचती है तो निश्चित रूप से मैं वो नहीं हूं जो उनके साथ किसी भी प्रकार का संबंध बनाएगा।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब में उमर ने कहा, ‘‘आप (भाजपा) पिछले छह महीने से केंद्र में सत्ता में हैं। कृपया हमें बताएं कि हमने (कहां प्रदेश को लूटा है)। अमित शाह लोगों का पीछा करने और फोन टेप करवाने के लिए मशहूर हैं। इसे साबित करें (आरोपों को)’’।

एक अन्य सवाल के जवाब में उमर ने तुरंत 2010 के गर्मियों के आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि यह घटना उन्हें लंबे समय तक परेशान करेगी। उत्तरी कश्मीर के माछिल में सेना की कथित फर्जी मुठभेड़ के बाद यह आंदोलन भड़का था। इस मुठभेड़ में तीन नागरिकों को मार गिराया गया था और उन्हें उग्रवादी बता दिया गया था।