पश्चिम बंगाल में सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के थप्पड़ मारने वाले बयान से बड़ा विवाद खड़ा हो गया। टीएमसी नेताओं ने बयान को अपमानजनक और बीजेपी की गंदी हरकत करार दिया। इसको लेकर पार्टी ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से फौरन माफी मांगने की मांग की है। कई नेताओं ने बंगला भाषा में दिए गये सुकांत मजूमदार के इस बयान को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इससे दोनों दलों के बीच टकराव बढ़ गया है।

दक्षिण 24 परगना जिले की रैली में प्रदेश अध्यक्ष ने दिया था भाषण

राज्य के दक्षिण 24 परगना जिले के मथुरापुर में एक रैली में बीजेपी नेता मजूमदार ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर ममता बनर्जी पर कई आरोप लगाए। बीजेपी नेता ने लोगों से कहा कि शिक्षा में खराब प्रदर्शन बच्चों की गलती नहीं है। उन्होंने लोगों से कहा, “अपने बच्चों को पीटने के बजाय बनर्जी को थप्पड़ मारना चाहिए।” सुकांत मजूमदार बोले- “जब आपके बच्चे स्कूल से वापस आ रहे हैं तो वे कुछ भी जवाब नहीं दे सकते हैं। आप उन्हें थप्पड़ मार रहे हैं और उनसे सवाल कर रहे हैं कि स्कूल में क्या पढ़ा है। अपने बच्चों को थप्पड़ मारने के बजाय, ममता बनर्जी को थप्पड़ मारें क्योंकि उन्होंने शिक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया है।”

TMC नेता महुआ मोइत्रा ने बयान को नारी शक्ति का अपमान बताया

पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के बयान पर टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने इसे पीएम के नारी शक्ति वाले नारे का अपमान बताया और कहा, “बंगाल बीजेपी के प्रमुख, जो एक सांसद भी हैं, ने सार्वजनिक रूप से एक भाषण दिया है, जहां उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ शारीरिक हिंसा का इस्तेमाल करने का आह्वान किया है। यह बिल्कुल शर्मनाक है और दिखाता है कि बीजेपी कितनी गहराई तक डूब सकती है। यह एक ऐसी पार्टी है जो महिलाओं का अपमान करती है।”

सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नारी शक्ति के बारे में बात करते रहते हैं। प्रधानमंत्री जी, बंगाल में आपके बीजेपी प्रमुख ने मुख्यमंत्री को जनता से थप्पड़ मारने का आह्वान किया है। हमने इतनी अपमानजनक बात कभी नहीं सुनी। हम बंगाल में आपकी स्त्रीद्वेषी पितृसत्तात्मक मदद से माफी की उम्मीद करते हैं और हम यह भी उम्मीद करेंगे कि आपकी पार्टी में हर कोई सामने आएगा और इन टिप्पणियों की निंदा करेगा…।”

उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव से पहले संशोधित नागरिकता अधिनियम (CAA) का मुद्दा उठाने के लिए बीजेपी की आलोचना की और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को ‘राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) के जाल’ में फंसने से बचने के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए अलग-अलग पहचान पत्र स्वीकार करने के प्रति आगाह किया। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कूच बिहार में स्थानीय लोगों, विशेषकर राजबोंग्शी लोगों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि उनके नाम मतदाता सूची में हों ताकि वे सीएए से ‘‘खुद को बचा’’ सकें। बीएसएफ ने ममता बनर्जी की सुरक्षा बल के खिलाफ टिप्पणी को खारिज कर दिया और कहा कि बीएसएफ कभी भी अलग से पहचान पत्र जारी नहीं करता।