भाजपा प्रवक्‍ता डॉ. एजाज इल्मी ने भाजपा छोड़ने का ऐलान किया है। डॉ. एजाज जनवरी 2014 से टीवी चैनलों पर भाजपा का पक्ष रखते रहे थे। सोमवार (10 दिसंबर, 2018) को दोपहर 2 बजे अपने ट्विटर हैंडल के जरिए उन्‍होंने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी। एजाज पत्रकार से राजनेता बनीं शाजिया इल्मी के भाई हैं। शाजिया अन्ना हजारे के इंडिया अगेंस्ट करप्शन में बतौर प्रवक्ता काम कर चुकी हैं। मई, 2014 तक वह आम आदमी पार्टी की भी सदस्य थीं। जनवरी, 2015 में वह भाजपा में शामिल हो गई थीं।

एजाज ने पार्टी छोड़ने की वजह भाजपा की व‍िभाजनकारी नीत‍ियों को बताया है। द क्विंट को द‍िए इंटरव्‍यू में उन्‍होंने यह बात बताई। उन्‍होंने कहा, ”उनकी बातें बांटने वाली हैं। मैं चुनावों में अली-बजरंग बली की बहस में उलझने से बेहतर पार्टी छोड़ देना चाहता हूं।” बता दें क‍ि उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍य नाथ ने हाल में मध्‍य प्रदेश में व‍िधानसभा चुनाव के ल‍िए प्रचार करते हुए कहा- ‘कमलनाथ जी का एक बयान मैं पढ़ रहा था, उन्होंने कहा कि हमें एससी/एसटी का वोट नहीं चाहिए। कांग्रेस को केवल मुस्लिमों का वोट चाहिए। कमलनाथ जी आपको ये अली मुबारक, हमारे लिए बजरंगबली पर्याप्त होंगे।’

इल्‍मी ने  कहा क‍ि वह कई महीनों से टीवी ड‍िबेट में जाने से बच रहे थे या इनकार कर दे रहे थे। इसकी वजह उन्‍होंने यह बताई क‍ि ज्‍यादातर बहस हिंदू-मुस्लिम को लेकर ही थी।’ यह पूछे जाने पर क‍ि क्‍या आप मौकापरस्‍त हैं, इल्‍मी ने अलग अंदाज में जवाब द‍िया- जब फरवरी 2014 में भाजपा में शामिल हुआ था, उस वक्त भाजपा विपक्ष में थी। अब वह सबसे बड़ी पार्टी है। देश के ज्यादातर राज्यों में बहुमत वाली सरकारें चला रही है। केंद्र में भी उनके पूर्ण बहुमत की सरकार है। ऐसे में  आप ऐसा कह सकते हैं।

डॉ. इल्मी के पार्टी छोड़ने को कांग्रेस ने भी भाजपा के ल‍िए बड़ी क्षत‍ि बताया है।  कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने इल्‍मी के ट्वीट पर कमेंट क‍िया,”भाजपा ने एक स्पष्टवादी और बेहतरीन प्रवक्ता खो दिया है। वह निश्चित रूप से एक सभ्य और भले व्यक्ति हैं। एजाज इल्मी ने भाजपा को अलविदा कह दिया है।”

डॉ. एजाज इल्‍मी। फोटो- Twitter/@ilmiaijaz

इल्‍मी का इस्‍तीफा पांच राज्‍यों के व‍िधानसभा चुनाव पर‍िणाम आने से एक द‍िन पहले हुआ है। इस्‍तीफे की टाइम‍िंंग को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा ,”चुनाव के दौरान इस्तीफा देना उचित नहीं था। विकास और सहयोग की राजनीति पर आज बहस नहीं हो रही है। आजकल लोगों को धर्म, क्षेत्र और जाति के आधार पर लड़ाने और फूट डालने की कोशिश कर रही है।”

भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि मैं फिर से मीडिया में राजनीतिक विश्लेषक के तौर पर लिखूंगा। इसके अलावा मैं अपने डॉक्टर दोस्तों के साथ हेल्थ के क्षेत्र में काम कर रहा हूं।