महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार गठन के लिये शिवसेना से कोई ‘‘ठोस’’ प्रस्ताव मिलने पर ‘‘विचार’’ करेगी। दरअसल, राज्य में सत्ता की साझेदारी के लिये शिवसेना और भाजपा के बीच रस्साकशी चल रही है।
शिवसेना और भाजपा ने 21 अक्टूबर का विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था और इसमें उन्हें क्रमश: 56 तथा 105 सीटों पर जीत मिली। लेकिन राज्य में नयी सरकार के गठन के लिये दोनों दल अपने रूख में नरमी के संकेत नहीं दे रहे हैं। शिवसेना करीब ढाई साल के लिये मुख्यमंत्री पद मांग रही है, जबकि भाजपा ने इसे खारिज कर दिया है।
चव्हाण ने यहां पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘हमें शिवसेना से कोई ठोस प्रस्ताव नहीं मिला है। हम इस पर पहल नहीं कर सकते। लेकिन यदि शिवेसना की ओर से कोई ठोस प्रस्ताव आता है तो हम उस पर विचार करेंगे और इस पर पार्टी आलाकमान के साथ चर्चा करेंगे।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शिवसेना का कोई भी प्रस्ताव अवश्य ही दोनों दलों–कांग्रेस और राकांपा– के लिये होना चाहिए, जिन्होंने 21 अक्टूबर का चुनाव साथ मिल कर लड़ा था और उन्होंने क्रमश: 44 और 54 सीटें हासिल की थी। चव्हाण(73) हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कराद दक्षिण सीट से विजयी हुए हैं।
शिवसेना भाजपा की बैठक रद्द: सत्ता में हिस्सेदारी के ‘फॉर्मूले’ के तहत ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद शिवसेना को दिए जाने से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इनकार के बाद उद्धव ठाकरे ने अगली सरकार के गठन पर मंगलवार को भाजपा के साथ अपनी पार्टी की बैठक रद्द कर दी। इस नए घटनाक्रम के बाद दोनों दलों के बीच पहले से तल्ख संबंधों में और खटास बढ़ सकती है। शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सत्ता साझेदारी पर मुख्यमंत्री के बयान के बाद उद्धव ठाकरे ने शाम चार बजे प्रस्तावित बैठक रद्द कर दी।