शनिवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे हुआ। तीन घंटे तक चले इस सर्वे में चार कमरों और पश्चिमी दीवार का सर्वे किया गया। इस मौके पर वादी-प्रतिवादी के साथ दोनों पक्षों के वकील भी अंदर पहुंचे थे। गौरतलब है कि कोर्ट के आदेश के अनुसार सर्वे पूरा होने के बाद 17 मई को अदालत में रिपोर्ट पेश करना है।
ज्ञानवापी विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती ने मथुरा, काशी समेत विवादित स्थलों को लेकर अपने कई ट्वीट में अपनी बात रखी। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया हैं। मथुरा काशी शेष रह गए हैं। भगवान की कृपा रही तो बिना किसी विवाद और तनाव के यह दोनो स्थानों का मसला सुलझ सकता हैं।”
एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, “क्योंकि अयोध्या में राम जन्मभूमि के सबूत ज़मीन के अंदर दबे हुए थे इसलिए बड़ा आंदोलन हुआ, ढांचा गिरा फिर खुदाई हुई और ज़मीन के नीचे उस स्थान पर मंदिर होने के प्रमाण मिले।” उन्होंने आगे लिखा, “लेकिन मथुरा एवं काशी में तो यह स्पष्ट दिखता है कि इन दोनों स्थानों पर हिंदुओं के परम आस्था के केंद्र विश्वनाथ का ज्योतिर्लिंग एवं श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के पूजा के स्थान वहां पर थे जो कि साफ़ दिखाई देते हैं।”
उमा भारती ने एक और ट्वीट में लिखा, “आने वाली पीढ़िया शांति, सद्भाव एवं एकात्मता के साथ भारत के विकास यात्रा को आगे बढ़ाए इसके लिए यह दोनों स्थान पर भी भगवान शिव एवं प्रभु श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर के निर्माण का पथ प्रशस्त होना चाहिए। मैं आज हरिद्वार में मां गंगा से यही प्रार्थना करके भोपाल वापिस लौटूंगी।”
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण आंदोलन से उमा भारती भी काफी सक्रिय तरीके से जुड़ी रही। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान उमा भारती मौके पर मौजूद थीं। वहीं अब उन्होंने काशी और मथुरा में मंदिर निर्माण की बात की है। बता दें कि शनिवार, 14 मई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की सुरक्षा में 1,500 से अधिक पुलिसकर्मियों और पीएसी जवानों को मुस्तैद किया गया था।