मुगल शासक औरंगजेब को लेकर महाराष्ट्र में चल रही सियासी बहस थमने का नाम नहीं ले रही है। औरंगजेब को लेकर ताजा बयान शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत का आया है। राउत ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार का शासन औरंगजेब के वक्त से भी बदतर है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के किसान इस भगवा पार्टी के शासन के कारण मर रहे हैं और राज्य में किसान, बेरोजगार और महिलाएं आत्महत्या कर रही हैं।

बताना होगा कि पिछले कुछ दिनों में औरंगजेब को लेकर अच्छा-खासा सियासी संग्राम न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि उत्तर प्रदेश में भी हो चुका है। यह पूरा सियासी संग्राम हाल ही में आई बॉलीवुड फिल्म ‘छावा’ के आने के बाद शुरू हुआ और जब महाराष्ट्र में सपा के अध्यक्ष अबु आजमी ने औरंगजेब को क्रूर शासक मानने से इनकार किया तो इसके बाद यह बहस बहुत लंबी होती चली गई।

औरंगजेब का महाराष्ट्र से क्या कनेक्शन, मराठा समुदाय क्यों मानता है इस मुगल शासक को अपना दुश्मन?

बहस यहां तक पहुंच गई कि महाराष्ट्र बीजेपी के कई नेताओं ने सरकार से मांग की कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में बनी औरंगजेब की कब्र को तोड़ दिया जाना चाहिए।

बहरहाल, न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक संजय राउत ने कहा, ‘औरंगजेब को दफन हुए 400 साल हो गए हैं। उसे भूल जाइए। क्या महाराष्ट्र में किसान औरंगजेब की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं। वे आपकी वजह से ऐसा कर रहे हैं।’

संजय राउत ने पूछा कि अगर मुगल शासक औरंगजेब ने अत्याचार किया तो महाराष्ट्र की सरकार क्या कर रही है। बताना होगा कि महाराष्ट्र में पिछले साल के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन ने बड़ी जीत हासिल की थी। इस गठबंधन में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी भी शामिल है।

संजय राउत ने यह टिप्पणी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस बयान पर पूछे गए सवाल के जवाब में दी जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि हर कोई महसूस करता है कि छत्रपति संभाजी नगर में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटा दिया जाना चाहिए।

मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सतारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की थी। शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी महाराज को औरंगजेब के आदेश पर पकड़ लिया गया था, उन पर जुल्म किए गए और उन्हें फांसी दे दी गई थी। इस वजह से मराठा समुदाय के बीच औरंगजेब की पहचान एक कट्टर दुश्मन की बन गई है।

बीजेपी के अलावा हिंदू संगठनों ने भी औरंगज़ेब के मुद्दे पर जिस तरह का तगड़ा विरोध प्रदर्शन किया है, उससे ऐसा नहीं लगता कि यह विवाद जल्दी खत्म होगा। ऐसे में इस विवाद का असर न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि उत्तर भारत के राज्यों की सियासत में होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

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