Samajwadi Party Imam MP Mohibullah Nadvi: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के दिल्ली की एक मस्जिद में बैठक करने का मामला तूल पकड़ गया है। इस मामले में बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखा है।

याद दिलाना होगा कि अखिलेश यादव ने हाल ही में दिल्ली के संसद मार्ग में स्थित जामा मस्जिद में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की थी और इसकी तस्वीर सामने आने के बाद भाजपा ने उन पर हमला बोला था। इस मामले में एक बड़ी बात यह है कि इस मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी हैं जो उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद भी हैं।

क्या लिखा है पत्र में?

जमाल सिद्दीकी ने लोकसभा स्पीकर को लिखे पत्र में कहा है कि मोहिबुल्लाह नदवी को इमाम के रूप में दिल्ली वक्फ बोर्ड से हर महीने 18 हजार रुपए की सैलरी मिलती है और इस पद को भारत के संविधान के अनुच्छेद 102(1)(a) के तहत लाभ का पद माना जा सकता है।

जमाल सिद्दीकी ने लिखा है कि संविधान और संसदीय नियमों में यह साफ है कि कोई भी सांसद ऐसा पद नहीं ले सकता।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को लिखे पत्र में क्या है?

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘संसद मार्ग की मस्जिद दिल्ली वक्फ बोर्ड के तहत आती है। मोहिबुल्लाह नदवी ने अखिलेश यादव, उनकी सांसद पत्नी धर्मेंद्र यादव और कई सांसदों और सपा कार्यकर्ताओं के साथ मस्जिद के अंदर उस जगह बैठक की, जहां पर नमाज अदा की जाती है और वहां इन लोगों ने चाय-नाश्ता भी किया।’ सिद्दीकी का कहना है कि यह इस्लामिक कानून और मस्जिद की आदर्श आचार संहिता के खिलाफ है।

जमाल सिद्दीकी ने कहा, ‘नदवी डिंपल यादव को भी मस्जिद के अंदर लेकर आए जबकि इस जगह पर महिलाएं प्रवेश नहीं कर सकतीं। मस्जिद में महिलाओं के लिए पहली मंजिल पर बैठने की जगह बनाई गई है। डिंपल यादव के कपड़े भी मस्जिद के नियमों के खिलाफ थे।’

बीजेपी नेता ने आरोप लगाया है कि नदवी इस मस्जिद को अपनी निजी जायदाद के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। वह समाजवादी पार्टी की विचारधारा का प्रचार कर रहे हैं और इमाम के रूप में वह ऐसा नहीं कर सकते।

जमाल सिद्दीकी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से अनुरोध किया है कि नदवी को तत्काल प्रभाव से हटकर किसी दूसरे शख्स को दिल्ली वक्फ बोर्ड की तरफ से पार्लियामेंट मस्जिद में इमाम नियुक्त किया जाए।

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मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत

जमाल सिद्दीकी ने अखिलेश यादव की इस बैठक को राजनीतिक बैठक बताते हुए इसकी निंदा की थी और डिंपल यादव के पहनावे पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि वह सपा प्रमुख और उनकी पत्नी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे।

जमाल सिद्दीकी की टिप्पणी पर अखिलेश यादव ने कहा था कि हम ऐसे किसी भी धर्म या आस्था के साथ हैं, जो लोगों को जोड़ती है और बीजेपी चाहती है कि लोग एकजुट ना होकर बंटे रहें। डिंपल यादव ने कहा था कि मंदिर के अंदर किसी तरह की कोई राजनीतिक बैठक नहीं हुई और बीजेपी इस मामले में लोगों को गुमराह कर रही है।

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