केंद्र सरकार ने एक बार में तीन केंद्रीय सचिवालय कैडरों में आठ हजार से अधिक कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर बड़ा आदेश दिया है। बता दें कि इस आदेश के दायरे में आने वालों की संख्या के आधार पर यह पदोन्नति के सबसे बड़े आदेशों में से एक बन गया है। सूत्रों ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ मामले दर्ज करने के चलते इनमें से कई पदोन्नति मुकदमेबाजी में फंस गई थी।

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि शुक्रवार को कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह सरकार इस कदम का ऐलान करने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक इस आदेश के अनुसार डायरेक्टर के पद पर 327 प्रमोशन, डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर 1097 और सेक्शन ऑफिसर के पद पर 1472 प्रमोशन किए जाने हैं।

बता दें कि ये सभी प्रमोशन केंद्रीय सचिवालय सेवा से जुड़े हुए हैं। केंद्रीय सचिवालय सेवा में पदोन्नति पाने वाले अधिकारियों की संख्या 4,734 है। इसमें बड़ी संख्या में केंद्रीय सचिवालय क्लरिकल सर्विस और केंद्रीय सचिवालय स्टेनोग्राफर सर्विस में स्टेनोग्राफर, प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर, क्लर्क और अन्य पदों पर काम करने वाले अधिकारी शामिल हैं।

गौरतलब है कि केंद्रीय सचिवालय सर्विस प्रशासनिक सिविल सेवाओं में से एक है। सचिवालय में ग्रुप ए और ग्रुप बी पदों पर काम करने वाले कर्मचारी होते हैं। इन्हें केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में प्रशासनिक कार्यों की रीढ़ माना जाता है। इन सचिवालयों में काम करने वाले कर्मचारियों का चुनाव संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षा से होता है।

इतने बड़े स्तर पर प्रमोशन के आदेश का ऐलान 2019 में किया गया था। उस समय तीनों सेवाओं में 4000 कर्मचारियों का प्रमोशन हुआ था। वहीं इस बार होने वाले प्रमोशन में केंद्रीय सचिवालय स्टेनोग्राफर सर्विस के 157 प्रिंसिपल स्टाफ कर्मचारी, 153 सीनियर प्रिंसिपल प्राइवेट सेक्रेटरी और 1208 प्रिंसिपल प्राइवेट सेक्रेटरी भी शामिल हैं। इस सर्विस में पदोन्नति पाने वाले कुल अधिकारियों की संख्या दो हजार 966 है। वहीं कुल 8,089 पदों पर प्रमोशन होने हैं।