केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पार्टी के साथ ही तेजस्वी पर भी जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रही है। नकवी ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को जमात-ए-इस्लामी और पीएफआई पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा, ‘खुद को सेक्युलर कहने वाली कांग्रेस पार्टी कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रही है। कांग्रेस हमसे अलग-अलग सवाल पूछती रहती है लेकिन उसे जमात-ए-इस्लामी और पीएफआई जैसे संगठनों के साथ अपने रुख को स्पष्ट करना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी ने भी जमात-ए-इस्लामी जैसे कट्टरपंथी संगठनों के साथ अपनी समझ बना ली है। ये राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले हैं, राजनीति नहीं है।’
नकवी ने कहा, ‘जब राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ रहे थे तो उनकी रैली में जमात-ए-इस्लामी के झंडे देखकर मैं आश्चर्यचकित था। वहां कांग्रेस से ज्यादा जमात-ए-इस्लामी के झंडे दिखाई दे रहे थे।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए, आखिर उसकी क्या मजबूरी है। दरअसल केरल के स्थानीय चुनावों में कांग्रेस और जमात-ए-इस्लामी के एक संगठन वेल्फेयर पार्टी ऑफ इंडिया के साथ गठबंधन हुआ है। इसी को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है।
We want to ask Tejashwi Yadav whether along with Congress, his party (RJD) has also made an understanding with Jamaat-e-Islami & other radical elements in Bihar. These are questions of national security, not politics: Mukhtar Abbas Naqvi, Union Minority Minister & BJP leader https://t.co/Lu6n43ytAF
— ANI (@ANI) October 25, 2020
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में जब हाथरस की दर्दनाक घटना हुई, इसके बाद कांग्रेस नेता राहुंल गांधी पीड़िता के परिवार से मिलने जाना चाहते थे लेकिन उन्हें रोक दिया गया। हालांकि बाद में उन्हें अनुमति दी गई। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि कुछ पीएफआई के सदस्य भी हाथरस जा रहे थे जिन्हें रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया गया। बीजेपी कांग्रेस और पीएफआई के संबंधों का भी आरोप लगाती रही है।
इससे पहले नकवी फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को भी नसीहत देते नजर आए थे। उन्होंने कहा था, बीजेपी के खिलाफ रहना है तो रहिए लेकिन संसद का सम्मान करिए। जो तिरंगे का सम्मान नहीं कर सकता, वह संसदा का सम्मान भी नहीं कर सकता है। महबूबा मुफ्ती ने रिहा होने के बाद अपनी पहली ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वह तब तक तिरंगा नहीं उठाएंगी जब तक कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 बहार नहीं हो जाता।

