पिछले कुछ समय से कृषि कानून सहित कई अन्य मुद्दे पर अपनी ही पार्टी को घेरने वाले भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर से उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि जो कठिन समय में काम न आए वो सरकार किस काम की है। साथ ही उन्होंने लखीमपुर खीरी में धान न बिकने से नाराज किसान के द्वारा अपनी ही फसल में आग लगाए जाने को लेकर भी कहा कि हमें कृषि नीति पर पुनर्चिंतन की जरूरत है।

पिछले दिनों हुई भारी बारिश की वजह से उत्तरप्रदेश के पीलभीत, लखीमपुर खीरी समेत तराई के जिलों में बाढ़ आ गई है। बाढ़ पीड़ितों की उचित मदद नहीं होने पर उत्तरप्रदेश की योगी सरकार के प्रति पीलभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी की नाराजगी एकबार फिर से सबके सामने आ गई। उन्होंने ट्वीट कर ही अपनी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ हमला बोल दिया।

भाजपा सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि तराई का अधिकांश इलाका बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। बाढ़ प्रभावित लोगों को सूखा राशन उपलब्ध कराया गया है ताकि इस आपदा के खत्म होने तक कोई भी परिवार भूखा ना रहे। यह दुख की बात है कि जब आम आदमी को प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो उसी समय उसे उसके हाल पर छोड़ दिया जाता है। जब सब कुछ खुद ही करना है तो फिर सरकार किस काम की है।    

इसके अलावा उन्होंने लखीमपुर खीरी में एक किसान द्वारा मंडी में रखी धान की फसल को आग लगाए जाने पर भी उत्तरप्रदेश सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की। दरअसल लखीमपुर जिले के एक किसान करीब 14 दिन पहले मंडी में अपना धान बेचने के लिए आए थे। लेकिन अफसरों द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा था और उनका धान बिक नहीं पा रहा था। जिसकी वजह से उन्होंने गुस्से में मंडी में रखी अपनी धान की फसल पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। 

लखीमपुर खीरी के इस मामले को लेकर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उत्तर प्रदेश के किसान समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी। इस व्यवस्था ने किसानों को कहां लाकर खड़ा कर दिया है? कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है।