भारतीय जनता पार्टी से नाराज चल रहे राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि कोरोना संकट के खत्म होने के बाद वो काशी जाएंगे और ज्ञानव्यापी के मामले को देखेंगे। साथ ही उन्होंने कहा है कि वो इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी समझाने का प्रयास करेंगे।
लक्ष्मीबाई नलपत के साथ काशी के ज्ञानव्यापी मस्जिद को लेकर चल रहे एक कार्यक्रम में राज्यसभा सासंद ने कहा कि वो इस मुद्दे को लेकर कोरोना खत्म होने के बाद काशी जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को भी समझाने का प्रयास करूंगा। उन्होंने कहा कि वो केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल से भी बात करेंगे। स्वामी ने कहा कि कोई भी आदमी मंदिर का मालिक नहीं हो सकता है भगवान स्वयं उसके संरक्षक होते हैं।
Dr Subramanian Swamy & Smt Lakshmi Bayi Nalapat discuss Gyanvapi in Kashi Vishwanath Temple https://t.co/zd9q4HPWsn
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 6, 2021
स्वामी ने कहा कि रामसेतु को नेशनल हेरिटेज मॉन्यूमेंट घोषित करने को लेकर भी प्रधानमंत्री क्लियर नहीं थे। लेकिन बाद में गडकरी ने इस मामले में हस्तकक्षेप कर इसे पूरा करवाया। स्वामी ने कहा कि ज्ञानव्यापी के मुद्दे पर हमें प्रयास करने की जरूरत है।
बताते चलें कि हाल ही में स्वामी ने प्रसिद्ध पर्यटन स्थल डलहौजी का नाम बदलने की मांग हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से किया है। स्वामी ने मांग किया है कि इस पहाड़ी शहर का नाम स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा जाए।
सुब्रमण्यम स्वामी ने राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में कहा है कि मेरे सहयोगी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के सिनियर एडवोकेट अजय जग्गा की पुरानी मांग पर विचार करते हुए इस शहर का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर कर दिया जाए। स्वामी ने आगे लिखा है कि साल 1992 में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के द्वारा इसे लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था। लेकिन बाद में वीरभद्र सिंह की तरफ से उस नोटिफिकेशन को रद्द कर आदेश को पलट दिया गया था।