भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) केवी सुब्रमण्यम के फिक्की के समारोह में दिए गए बयान पर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी उखड़ गए हैं। दरअसल, सीईए ने अपने बयान में कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था पर आगे कोरोना की तीसरी लहर का उतना गहरा असर नहीं होगा। इसी को लेकर स्वामी ने निशाना साधते हुए पूछा कि अगर उनकी बात सही साबित नहीं हुई, तो क्या वे इस्तीफा देंगे?
क्या था सीईए का पूरा बयान?: मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम ने बुधवार को कहा कि भारत अगले वित्त वर्ष 2022-23 में 6.5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा। इसके बाद के वर्षों में सरकार की ओर से आगे बढ़ाए गए सुधारों की वजह से वृद्धि दर 8 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रह पर दबाव के बावजूद सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए 6.8 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा कर लेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह पहली लहर के बाद दूसरी लहर में आर्थिक घाटे पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई, उसी तरह तीसरी लहर आते-आते वैक्सिनेशन के बढ़ते स्तर और हर्ड इम्युनिटी के करीब जाने की वजह से तीसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर इतना गहरा असर नहीं होगा।
पूर्व CEA पर भी हमला बोल चुके भाजपा सांसद: बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार के किसी मुख्य आर्थिक सलाहकार पर निशाना साधा है। पिछले महीने ही स्वामी ने ट्वीट कर बताया था कि पूर्व सीईए और मशहूर अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यम जिन्हें मोदी ने 2014 में मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्ति दी थी, उन्होंने 2013 में बिजनेस स्टैंडर्ड में एक ऑप एड प्रकाशित किया था, जिसमें कहा गया था कि मोदी कम IQ के हैं, और उनके गुजरात सुधार के दावे बोगस हैं। भारत को कोसना के लिए वे फाइजर की ओर से अमेरिकी कांग्रेस की सुनवाई में भी उपस्थित हुए थे।”
सोशल मीडिया यूजर्स ने साधा निशाना: सुब्रमण्यम स्वामी के इस बयान पर ट्विटर यूजर्स ने भी प्रतिक्रिया दी। @dileepmandloi नाम के यूजर ने कहा, “आप कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस की तरह नकारात्मक ही रहना।” अनमोल दीक्षित नाम के एक और यूज ने कहा, “आपने सुशांत सिंह राजपूत के फैंस से वादा किया था कि आप उसे न्याय दिलाएंगे। आपका इस्तीफा कहां है?”