मध्यप्रदेश से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी ही पार्टी के नेतृत्व में चल रही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सांसद प्रज्ञा ठाकुर सांड़ों के बधियाकरण को लेकर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के खिलाफ स्टैंड ले लिया। सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को इस मुद्दे पर विपक्षी कांग्रेस का भी साथ मिल गया। कांग्रेस और भाजपा सांसद के विरोध के कारण मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को सांड़ों का बधियाकरण करने के आदेश को वापस लेना पड़ा।
दरसल पिछले दिनों मध्यप्रदेश सरकार ने 12 करोड़ रुपए खर्च कर लगभग 12 करोड़ सांड़ों का बधियाकरण करने का आदेश निकाला था। मध्यप्रदेश सरकार के इस आदेश के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही मोर्चा खोला दिया। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब मध्यप्रदेश में सांड़ों का बधियाकरण किया जा रहा है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार 1998-99 से लेकर 2021 के बीच करीब 1.33 करोड़ सांड़ों का बधियाकरण किया गया।
कांग्रेस और भाजपा दोनों के शासनकाल में ही बड़ी संख्या में सांड़ों का बधियाकरण किया गया। 2017-18 में पिछली शिवराज सिंह चौहान सरकार के दौरान 10.6 लाख सांड़ों और 2019-20 के दौरान कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में करीब 7.61 लाख सांड़ों का बधियाकरण किया गया। लेकिन अब दोनों ही पार्टियों सांड़ों के बधियाकरण के आदेश के खिलाफ खड़ी हो गई।
भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने मध्यप्रदेश सरकार के आदेश के खिलाफ हमला बोलते हुए कहा कि यह आदेश देशी गाय की किस्मों को विलुप्त करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी। हालांकि इस दौरान जब पत्रकार ने उनसे पूछा कि सांड़ों का बधियाकरण पहले से होता आ रहा है तो उन्होंने कहा कि यह तब भी गलत था और अब भी गलत है। वहीं विपक्षी कांग्रेस ने भी भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के सुर में सुर मिलाते हुए इस आदेश का विरोध किया। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने भी मध्यप्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस आदेश के जरिए देशी गायों की नस्लों को ख़त्म करना चाहती हैं।
कांग्रेस और भाजपा के विरोध के बाद मध्यप्रदेश सरकार को इस आदेश को वापस लेना पड़ा। भले ही सरकार ने राजनीतिक दबाव में इस आदेश को वापस ले लिया हो लेकिन पशु चिकित्सा विशेषज्ञ इसे ठीक नहीं मानते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार अनुपयोगी सांड़ों का बधियाकरण करना कोई नहीं बात नहीं है। यह सालों से होता रहा है। ऐसा नहीं करने से कम दूध देने वाली बछिया पैदा होगी। साथ ही दुग्ध उत्पादन और डेयरी फार्मिंग में वृद्धि के लिए इन सांड़ों का बधियाकरण किया जाना आवश्यक है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलता है।