बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एसवाई कुरैशी पर बड़ा हमला बोला। दुबे ने वक्फ कानून की आलोचना करने के लिए कुरैशी को आड़े हाथ लिया। बताना होगा कि निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट को लेकर दिए गए बयान पर देश भर की राजनीति में हंगामा मचा हुआ है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने निशिकांत दुबे के बयान की आलोचना की है जबकि बीजेपी ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया है।

ताजा मामले में निशिकांत दुबे ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एसवाई कुरैशी के द्वारा वक्फ कानून की आलोचना करने के लिए उन पर हमला बोला। निशिकांत दुबे ने X पर पोस्ट कर कहा, “आप चुनाव आयुक्त नहीं, मुस्लिम आयुक्त थे, झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिया को वोटर सबसे ज़्यादा आपके कार्यकाल में ही बनाया गया। पैगंबर मुहम्मद साहब का इस्लाम भारत में 712 में आया, उसके पहले तो यह जमीन हिंदुओं की या उस आस्था से जुड़ी आदिवासी, जैन या बौद्ध धर्मावलंबी की थी। मेरे गांव विक्रमशिला को बख्तियार ख़िलजी ने 1189 में जलाया, विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने दुनिया को पहला कुलपति दिया अतिश दीपांकर के तौर पर।”

निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि इस देश को जोड़ो, इतिहास पढ़ो, तोड़ने से पाकिस्तान बना, अब बंटवारा नहीं होगा?

कौन हैं बीजेपी के निशिकांत दुबे जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दे डाली?

क्या कहा था कुरैशी ने?

निशिकांत दुबे ने यह बयान पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी की ओर से किए गए उस ट्वीट के जवाब में दिया जिसमें उन्होंने वक्फ कानून की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि वक्फ कानून निश्चित रूप से मुसलमानों की जमीनों को हड़पने के लिए लाया गया है और यह बेहद खतरनाक योजना है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात का यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इसे लेकर सवाल पूछेगा।

सुप्रीम कोर्ट को लेकर दिए गए बयान पर विवाद

इससे पहले झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक बयान में कहा था कि देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। उन्होंने कहा था, “सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है। अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है तो संसद और विधानसभाओं को बंद कर दिया जाना चाहिए।”

दुबे ने कहा था कि देश में जितने गृह युद्ध हो रहे हैं उसके जिम्मेदार केवल सीजेआई संजीव खन्ना हैं। बीजेपी के एक और सांसद दिनेश शर्मा ने कहा था कि कोई भी राष्ट्रपति को चुनौती नहीं दे सकता क्योंकि राष्ट्रपति सर्वोच्च हैं।

दुबे के बयान पर विवाद होने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका और सीजेआई को लेकर दिए गए बयान से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है और यह इनका व्यक्तिगत बयान है।

बीजेपी के लोग संविधान को नहीं मानते- AAP

निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी पर AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “अयोध्या मामले पर सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया और सभी ने इसे स्वीकार किया, यहां तक ​​कि मुसलमानों ने भी इसे स्वीकार किया। निशिकांत दुबे जो कह रहे हैं, उससे पता चलता है कि मुसलमान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, भले ही फैसला उनके खिलाफ हो लेकिन निशिकांत दुबे जैसे लोग भाजपा की विचारधारा को सही ठहराते हैं कि वे सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ जाने के लिए तैयार हैं।”

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