बीजेपी ने बुधवार (5 अप्रैल) को संसद के अंदर ईसाई नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक यह बैठक केरल में ईसाई समुदाय तक पार्टी की पहुंच का हिस्सा थी। बैठक का आयोजन केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री (MoS) वी मुरलीधरन ने किया था। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। हालांकि, अभी इस बैठक के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं सामने आयी है।
केरल में अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटी BJP
दरअसल, केरल में पिछले कई सालों से बीजेपी अपना संगठन मजबूत करने में लगी हुई है। उसके साथ कई लोग जुड़े भी हैं लेकिन अभी भी उस समर्थन का वोट में बदलने का इंतजार है। ऐसे में पीएम मोदी के कहने पर भाजपा ने केरल में मुस्लिम और ईसाई अल्पसंख्यकों तक पहुंच बढ़ाने का कार्यक्रम बनाया है। इसके तहत पार्टी उनके हर त्योहार पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएगी। इसी कड़ी में 9 अप्रैल 2023 को ईस्टर संडे पर दस हज़ार बीजेपी कार्यकर्ता एक लाख ईसाइयों के घर जाएंगे। वहीं, 15 अप्रैल को विशु के पावन पर्व पर हिंदू कार्यकर्ताओं के घरों पर ईसाइयों को बुलाया जाएगा।
भाजपा को चुनाव में जीत दिलाएंगे- आर्कबिशप
इसी तरह अप्रैल के तीसरे हफ्ते में ईद पर बीजेपी कार्यकर्ता मुसलमानों के घर जाएंगे। दरअसल, केरल में मुस्लिम और ईसाई समुदाय केरल की कुल आबादी का 48 फ़ीसदी हैं। इसमें मुस्लिम बहुसंख्यक समुदाय है। हाल ही में केरल के एक आर्कबिशप ने कहा था कि अगर BJP किसानों के लिए काम करती है तो उन्हें चुनाव में जीत दिलाएंगे। कन्नूर जिले में एक किसान रैली में रोमन कैथलिक चर्च के आर्कबिशप जोसेफ पामप्लानी ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार किसानों से 300 रुपये के रेट पर रबर खरीदेगी तो हम BJP को चुनाव में जीत दिलावाएंगे।
जिस पर केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा था कि आर्कबिशप ने साफ कहा कि BJP उनके लिए अछूत नहीं है और चर्च किसी भी राजनीतिक दल को अछूत नहीं मानता। BJP नेता ने कहा था कि कांग्रेस और CPM आर्कबिशप को बोलने की आजादी नहीं देना चाहती। इन पार्टियों को किसानों की चिंता नहीं है बस इन्हें अपना वोट बैंक खिसकने की चिंता है। ये चाहते हैं कि ईसाई उनका वोट बैंक बने रहें लेकिन अब ये पार्टियां एक्सपोज हो रही हैं।