कर्नाटक में पार्टी और सरकार में असंतोष का सामना कर रहे सीएम बीएस येदियुरप्पा को हाल ही में उनके एक सहयोगी ने मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने के लिए अयोग्य करार दिया है। भाजपा नेता एच विश्वनाथ ने कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह के सामने अपनी ये राय रखी।अरुण सिंह कर्नाटक में राजनीतिक संकट का आकलन करने के लिए विधायकों और अन्य नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं।
विधान परिषद सदस्य एच विश्वनाथ ने येदियुरप्पा के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं। नेता ने कहा, “हम येदियुरप्पा जी के नेतृत्व और योगदान का सम्मान करते हैं। लेकिन अब उनमें वह भावना नहीं है, सरकार चलाने की ताकत नहीं है। उम्र और स्वास्थ्य के चलते ऐसा हुआ है।” अरुण सिंह से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, “सभी मंत्री येदियुरप्पा सरकार से नाखुश हैं।” नेता ने कहा, “मोदी जी हमें लगातार बता रहे हैं कि वंशवादी शासन खतरनाक है। कर्नाटक में जो हो रहा है वह वही बात है। कर्नाटक भाजपा मोदी जी को भूल गई है। मैंने उनसे कहा कि सरकार के बारे में जनता की राय नकारात्मक हो रही है।”
विश्वनाथ ने राज्य सरकार और प्रशासन में येदियुरप्पा परिवार द्वारा “लगातार हस्तक्षेप” करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “सभी विभागों में उनके बेटे का दखल ज्यादा है।” नेता ने यह भी आरोप लगाया कि जमीन को औने-पौने दाम पर निजी कंपनियों को पट्टे पर दिया गया और बिना बोर्ड बैठक के 20,000 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
मालूम हो कि विश्वनाथ उन 18 विधायकों में शामिल थे, जिनके भाजपा में जाने के कारण जनता दल सेक्युलर-कांग्रेस सरकार गिर गई थी और 2019 में भाजपा और येदियुरप्पा को सत्ता मिली। जेडीएस के पूर्व विधायक विश्वनाथ ने तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उनके पिता और पार्टी प्रमुख एचडी देवेगौड़ा के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। लेकिन विश्वनाथ उस सीट पर उप-चुनाव हार गए जो उन्होंने खाली की और मंत्री पद भी गंवा दिया।
पार्टी नेताओं के साथ अरुण सिंह की बातचीत ऐसे समय में हुई है जब येदियुरप्पा अपनी पार्टी के सहयोगियों के तीखे हमलों का सामना कर रहे हैं। कई विधायक खुलेआम अपने ही मुख्यमंत्री की आलोचना करते रहे हैं। इनमें येदियुरप्पा के एक बार के करीबी केएस ईश्वरप्पा भी शामिल हैं। ग्रामीण विकास मंत्री, जो येदियुरप्पा की तरह ही शिवमोग्गा जिले से हैं, ने राज्यपाल वजुभाई वाला को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री द्वारा उनके विभागों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था। पांच पन्नों के पत्र में येदियुरप्पा पर सत्तावाद और गंभीर चूक का आरोप लगाया गया।
पिछले साल, भाजपा के वरिष्ठ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कहा था कि येदियुरप्पा लंबे समय तक मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे, जिसे भाजपा की राज्य इकाई ने खारिज कर दिया था। अब तक, भाजपा नेतृत्व ने एक शक्तिशाली लिंगायत नेता येदियुरप्पा का समर्थन किया है। जो दक्षिण में पार्टी के पहले मुख्यमंत्री और कर्नाटक में उनके सबसे शक्तिशाली चेहरों में से एक हैं।