उत्तर और दक्षिण राज्यों के बीच राजस्व बंटवारे को लेकर टीवी पर चल रही बहस के दौरान एक भाजपा नेता ने श्रीदेवी की मौत का मुद्दा उठा दिया। भाजपा नेता ने कहा कि जब श्रीदेवी की मौत हुई थी, तब शायद उत्तर भारत के लोगों ने दक्षिण भारत के लोगों से ज्यादा आंसू बहाए थे। क्या उत्तर भारतीय राज्यों ने ये देखा था कि वह एक दक्षिण भारतीय थी। लेकिन भारत के लोग ऐसा नहीं सोचते हैं। भाजपा नेता के इस जवाब से न्यूज एंकर भड़क गए और कहा कि पैसे का श्रीदेवी की मौत से क्या संबंध है।

सीएनएन न्यूज18 के एक प्राइमटाइम कार्यक्रम के दौरान केन्द्र के राजस्व वितरण मॉडल पर दक्षिण भारतीय राज्यों की नाखुशी पर बहस चल रही थी। इस दौरान भाजपा की ओर से प्रवक्ता नरेंद्र तनेजा, कांग्रेस की ओर से उसके प्रवक्ता संजय झा, वरिष्ठ पत्रकार आरके राधाकृष्णन और तारा कृष्णास्वामी मौजूद थे। इसी बीच बहस के दौरान तनेजा ने श्रीदेवी की मौत की बात की और कहा कि सिर्फ पैसा ही भारतीयों को एक नहीं करता है। बता दें कि इससे पहले दक्षिण भारत के कई नेता और मुख्यमंत्री भी केन्द्र के राज्यों को राजस्व वितरण मॉडल पर नाराजगी जता चुके हैं।

हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि केन्द्र सरकार दक्षिण भारत के राज्यों से पैसा इकट्ठा करके उत्तर भारत के राज्यों पर खर्च करती है। नायडू के अलावा दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री सितारे पवन कल्याण भी यह मुद्दा उठा चुके हैं। शुक्रवार को कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया भी यह कहकर इस बहस में कूद गए हैं कि केन्द्र ने 15वें वित्त आयोग को टैक्स के विचलन के लिए 1971 की जनगणना के बजाए 2011 की जनगणना के आंकड़ों का इस्तेमाल करने को कहा है। सरकार के इस कदम से दक्षिण भारत के राज्यों के हित प्रभावित हो सकते हैं। हमें इसका विरोध करना चाहिए। सिद्धारमैया ने ट्वीट कर यह बात कही और अपने इस ट्वीट के साथ केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों को भी टैग कर दिया।