पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बातचीत के दौरान विश्व व्यापार संगठन की अनुमति मिलने पर दुनिया को भारत के खाद्य भंडार की आपूर्ति करने की पेशकश की थी। बीजेपी नेता संबित पात्रा ने ट्विटर पर अपनी पोस्ट में इसी बात को याद दिलाया तो लोगों ने उन्हें ट्रोल कर दिया।
ध्यान रहे कि बाइडन से बातचीत में मोदी ने कहा था कि रुस-यूक्रेन युद्ध के चलते कई देशों में खाद्य भंडार खाली हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर विश्व व्यापार संगठन अनुमति देता है, तो भारत कल से दुनिया को खाद्य भंडार की आपूर्ति करने के लिए तैयार है। संबित इसी बात का जिक्र कर रहे थे।
सोशल मीडिया पर लोगों को उनकी ये बात रास नहीं आई। गिरिजा प्रसाद ने कहा कि मतलब मौका मिले तो मोदीजी 80 करोड़ की जगह 800 करोड़ को गरीब की उपाधि दे सकते हैं! जय हो महाराजाधिराज मोदी सम्राट की जय हो। एक ने लिखा कि घर में नहीं दाने अम्मा चली भुनाने। देश में सिर्फ अंबानी और अडानी ही नहीं बड़ी संख्या में गरीब लोग भी हैं, जिन्हें दो वक्त की रोटी नहीं मिलती। इनको फूड स्टॉक क्या अमेरिका देगा? जरा कभी अडानी अंबानी की चौखट से आगे भी देखो।
Modi says India ready to supply food stock to world if WTO gives nodhttps://t.co/1A5LEcH8bn via NaMo App pic.twitter.com/x6ZPenwX68
— Sambit Patra (Modi Ka Parivar) (@sambitswaraj) April 13, 2022
Sahara India se paisa kb milega sir please reply???? Or my family will not vote bjp in next election
— Saurabh Thakur (@Saurabh232411) April 13, 2022
जफर शेख ने लिखा कि पहले यहां के भूखे नंगो को खाना खिलाओ फिर बाहर की बात करो। आलोक सिंह का कहना था कि भूखा रह लूंगा पर वोट महिंद्रा राजपक्षे को ही दूंगा… फिर श्रीलंका वाले अंधभक्तों की प्रर्थना भगवान ने सुन ली। अब सड़कों पर हैं। लक्ष्मी नाथ पांडेय का कहना था कि पीएम मोदी के पास कितनी संपत्ति है और वे अपने पैसे कहां खर्च करते हैं। सौरभ ने सवाल पूछा कि सहारा से पैसा कब मिला।
एक ने पूछा कि क्या यहां कम परेशानी हैं। जो मोदी जी दुनिया का कल्याण करने की सोच रहे हैं। पहले यहां जो दिक्कतें हैं उनसे तो निपट लो। फिर दूर की सोचना। राहुल शर्मा ने लिखा कि हमारे पास एक अच्छा और सुनहरा मौका है। यूक्रेन वॉर का भरपूर फायदा उठा कर हम अच्छे स्तर पर विश्व मे फूड सप्लाई करके अच्छे तरह से हम देश की अर्थिक स्तिथि मजबूत कर सकते हैं। इस तरह से हम देश को आगे भी ले जा सकते हैं।