महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। सिंतबर से अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ ही एनसीपी के बड़े नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपने असंतुष्ट नेताओं को मनाने में लगे हुए हैं।
इन सब के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन के बयान से एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की परेशानी बढ़ सकती है। जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने कहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी-कांग्रेस के 50 विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
महाजन ने कहा, ‘कांग्रेस और एनसीपी के 50 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। एक महीने पहले ही एनसीपी की वरिष्ठ नेता चित्रा वाघ ने कहा था कि वह भाजपा में शामिल होना चाहती है। वाघ का कहना था कि एनसीपी में उनका कोई भविष्य नजर नहीं आ रहा है।’
मंत्री ने कहा कि विधायक आग्रह कर रहे हैं कि वह विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होना चाहते हैं। इस स्थिति में कांग्रेस पूरी अस्तव्यस्त हो जाएगी और अगले कुछ सप्ताह में एनसीपी और कमजोर होगी। महाजन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एनसीपी के नेता शरद पवार का साथ छोड़ रहे हैं।
पिछले सप्ताह ही एनसीपी के बड़े नेता और मुंबई यूनिट के प्रमुख सचिन अहीर शिवसेना का दामन थामा था। सचिन अहीर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे की मौजूदगी में शिवसेना में शामिल हो गए थे। सचिन पिछले करीब 20 साल से एनसीपी के साथ थे।
अहीर 1999 से 2009 तक मुंबई के शिवड़ी से विधायक रहे। इसके बा द उन्होंने वर्ली से चुनाव जीता। सचिन के पार्टी में होने पर शिवसेना ने कहा था कि उन्हें शहरी की राजनीति की समझ रखने वाले सचिन जैसे राजनेता की तलाश थी। पार्टी सचिन का प्रयोग राज्य के अन्य हिस्सों में प्रचार के लिए करेगी।
इससे पहले कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को लोकसभा चुनाव में भी भाजपा-शिवसेना गठबंधन के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। राज्य की 48 लोकसभा सीटों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने 41 सीटें जीती थीं। वहीं कांग्रेस-एनसीपी को महज 6 सीटों से संतोष करना पड़ा था।

