कांग्रेस से उसका चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा छिन सकता है! दरअसल चुनाव आयोग जल्द ही कांग्रेस के चुनाव चिन्ह को कैंसिल करने संबंधी एक याचिका पर सुनवाई करने वाला है। यह याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की है। भाजपा नेता की याचिका पर चुनाव आयोग 18 अप्रैल को दोपहर 3 बजे सुनवाई करेगा। अपनी याचिका में अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि कांग्रेस के चुनाव चिन्ह ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया है।

चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में अश्विनी उपाध्याय ने लिखा है कि कोड ऑफ कंडक्ट के अनुसार, चुनावों के लिए प्रचार चुनाव से दो दिन पहले बंद हो जाना चाहिए, लेकिन जब से कांग्रेस को हांथ का पंजा चुनाव चिन्ह मिला है, वह लगातार इस नियम का उल्लंघन कर रही है। अपनी बात समझाते हुए अश्विनी उपाध्याय ने बताया कि जब भी कांग्रेस का कोई उम्मीदवार या उसके समर्थक वोटरों के बीच से गुजरते हैं तो वह हाथ के पंजा दिखाकर परोक्ष रुप से कांग्रेस के लिए वोट की अपील करते हैं और ऐसा सिर्फ चुनाव प्रचार के दौरान ही नहीं होता, बल्कि चुनाव के दिन भी ऐसा किया जाता है। यहां तक कि पोलिंग स्टेशन के 100 मीटर के दायरे में भी ऐसा किया जाता है।

बता दें कि कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स, 1961 के नियम 5 के अनुसार, पार्टियों को चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाते हैं। कांग्रेस के पास पहले दो बैलों की जोड़ी का चुनाव चिन्ह था, जिसे बाद में बदलकर हाथ का पंजा कर दिया गया। भाजपा नेता का कहना है कि कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिन्ह इंसानी शरीर का भाग है, जिसे चुनाव के दौरन शरीर से अलग करना संभव नहीं है। ऐसे ही तथ्यों को आधार बनाते हुए अश्विनी उपाध्याय ने कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ के पंजे को कैंसिल करने का मांग की है। अब 18 अप्रैल को चुनाव आयोग इस मसले पर सुनवाई कर अपना फैसला देगा। अश्विनी उपाध्याय ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र की एक प्रति पीएम मोदी और केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को भी भेजी है।