अप्रैल के आखिरी हफ्ते में एक संसदीय समिति की बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उनके चचेरे भाई बीजेपी नेता वरुण गांधी आपस में गुफ्तगू करते नजर आए। उसके बाद मई के पहले हफ्ते में जब वरुण ने तत्कालीन पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर से संसद में एक सवाल पूछा तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरुण की तरफ से आवाज उठाते हुए जावडेकर से जवाब देने की मांग की। इसी दौरान जब वरुण की मां और नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री मेनका गांधी से एक दौरे में किसी पत्रकार ने निजी शुचिता से जुड़ा सवाल पूछा तो उन्होंने सोनिया गांधी को अनुकरणीय उदाहरण बताया। इन घटनाओं के मद्देनजर राजनीतिक हलकों और मीडिया के एक वर्ग में चर्चा होने लगी कि क्या वरुण गांधी कांग्रेस के करीब जा रहे हैं। दूसरी तरफ वरुण और मेनका इन अफवाहों पर अब तक चुप ही रहे थे लेकिन इस रविवार को एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में मेनका ने पहली बार इसपर अपना पक्ष रखा। वरुण के कांग्रेस में जाने से जुड़े सवाल पर मेनका ने इसे पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए कहा ऐसी अफवाहें “कांग्रेस ही फैलाती है।”

वरुण गांधी के कांग्रेस में जाने की अफवाह से जुड़े सवाल पर मेनका ने हंसते हुए इसे पूरी तरह बेबुनियाद बताया। मेनका ने अंग्रेजी दैनिक द टेलीग्राफ के लिए पत्रकार स्मिता वर्मा को दिए साक्षात्कार में कहा, “मुझे लगता है, कांग्रेस ऐसी अफवाहें फैलाती है।”  मेनका ने वरुण गांधी के यूपी के सीएम के उम्मीदवार के रूप में पेश किए जाने से जुड़े सवाल को तो टाल गईं लेकिन वरुण की क्षमताओं पर उन्होंने पूरा भरोसा जताया। वरुण यूपी के सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद हैं।

यूपी में बीजेपी को छोड़कर सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक हो चुके हैं। बीजेपी का एक धड़ा युवा और तेजतर्रार वरुण में सीएम बनने की संभावनाएं देखता है। माना जाता है कि बीजेपी में इस समय सर्वाधिक प्रभावशाली पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह वरुण को पसंद नहीं करते। ऐसे में क्या वरुण को यूपी का सीएम उम्मीदवार बनाए जाने की कोई संभावना है? इस आशय से जुड़े एक सवाल के जवाब में यूपी के पीलीभीत से सांसद मेनका ने कहा, “मैं इस बारे में बात नहीं करूंगी। बीजेपी में जो होता है उसके फैसले मैं नहीं लेती।”

Read Also: माथे पर राजस्‍थानी पगड़ी का उतरा रंग लिए राष्‍ट्रपति भवन पहुंच गए पीएम मोदी, 1800 लोगों से मिलाए हाथ

जब पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या वरुण को बीजेपी में हाशिए पर धकेला जा रहा है? इसपर मेनका ने कहा, “मैं इसका भी जवाब नहीं दे सकती।” लेकिन मेनका अपने बेटे की क्षमताओं को लेकर काफी मुतमईन नजर आईं। इंटरव्यू में मेनका ने कहा, “वो सासंद है। वो काफी लिखता है। वो ऑक्सफोर्ड और दूसरी अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटियों में लेक्चर देता है। मुझे उस पर गर्व है। असल बात ये है कि वो अपने सर्वोत्तम दे रहा है। ये फैसला पार्टी को करना होगा कि उसका सबसे ज्यादा हित किस बात में है।”

मेनका से जब पत्रकार ने पूछा कि क्या वरुण गांधी में वो अच्छे नेता की खूबियां पाती हैं? इस पर मेनका ने कहा, “मुझे नहीं पता कि वो अच्छा नेता बन सकता है या नहीं।” मेनका ने अपनी बात साफ करते हुए कहा, “पार्टी उसे चुनती है या नहीं चुनती है इससे इसका कोई वास्ता नहीं है। हम सब अपने अपने संसदीय क्षेत्र में नेता हैं। अपने संसदीय क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना हमारा दायित्व है। मैं इतना ही कर सकती हूं. मैं संसद में तीसरी सबसे वरिष्ठ सदस्य हूं। इसकी कोई वजह तो होगी। निश्चय ही ये अपने संसदीय क्षेत्र के प्रति मेरे पूर्ण समर्पण का परिणाम है।” मेनका यूपी के पीलीभीत संसदीय सीट से छह बार चुनाव जीत चुकी हैं।

Read Also: भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के बलूचिस्तान और POK के जिक्र से बिफरे पाकिस्तानी अखबार