बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सीबीआई मुख्यालय जाकर निदेशक आलोक वर्मा से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक सलाह दी है। पीटीआई की खबर के मुताबिक स्वामी ने गुरुवार (10 जनवरी) को कहा कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को बिना उनकी बात सुने केवल सीवीसी रिपोर्ट के आधार पर नहीं हटाया जा सकता है। भाजपा सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वह सरकार में मौजूद फर्जी कानूनी सलाहकारों की बात न सुनें जिनकी गलत सलाहों के चलते सरकार को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आलोक वर्मा ने बुधवार को फिर से दफ्तार का कामकाज संभाल लिया था, स्वामी मुख्यालय में उनसे मिलने आए थे। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट दूसरे अधिकारी के बयान पर आधारित थी जोकि एक ‘झूठी रिपोर्ट’ है। स्वामी ने कहा, ”इसकी जांच की जानी है। मुझे नहीं लगता है कि वर्मा को हटाया जा सकता है। अगर वर्मा को हटाया जाता है तो समस्या केवल बदतर होगी, सुधरेगी नहीं। मैं चाहूंगा कि प्रधानमंत्री ऐसे कदम उठाएं कि यह घटना इतिहास बन जाए।” स्वामी ने हालांकि कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर जांच एजेंसी के कार्यालय में नहीं थे।

बता दें कि आलोक वर्मा ने सरकार द्वारा जबरन छुट्टी पर भेजे जाने के 77 दिनों बाद दफ्तर में वापसी की है। सरकार ने वर्मा से सभी शक्तियां छीनकर उन्हें छुट्टी पर भेज दिया था। आलोक वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। सरकार ने राकेश अस्थाना को भी छुट्टी पर भेज दिया था। अभी उनकी वापसी नहीं हुई है।

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सरकार ने 23 अक्टूबर, 2018 की देर शाम दो अलग-अलग आदेश जारी कर वर्मा और अस्थाना को जबरन छुट्टी पर भेजा था। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (8 जनवरी) को अपने फैसले में वर्मा को जबरन दी गई छुट्टियों को किनारे कर दिया लेकिन तब तक के लिए उन्हें किसी बड़े नीतिगत फैसले को लेने से रोक दिया है जब तक कि भ्रष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ सीवीसी की जांच चल रही है।