नगर निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई के बाद इंदौर से बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मामले में कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद बीजेपी की अनुशासन समिति ने उन पर यह कार्रवाई की है। मीडिया में जारी खबरों के मुताबिक पीएम मोदी ने विधायक का नाम लिए बिना उनके बर्ताव पर कड़ी आपत्ति दर्ज की थी।

मोदी ने संसदीय दल की बैठक में सांसदों से कहा कि ऐसे (आकाश जैसे) लोगों को पार्टी से बाहर कर देना चाहिए, चाहे वह किसी का भी बेटा हो। जिसके बाद से ही इस पर चर्चा थी कि आकाश को नोटिस भेजा जाएगा या नहीं।

बता दें कि आाकाश बीजेपी के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं। बीती 26 जून को इंदौर नगर निगम की टीम एक जर्जर इमारत को ढहाने गई थी। इसी दौरान पहली बार विधायक बने आकाश ने नगर निगम कमिश्नर की बैट से पिटाई कर दी थी। इसे लेकर आकाश विजयवर्गीय की खूब आलोचना भी हुई थी। इसके लिए आकाश विजयवर्गीय को कोर्ट के आदेश पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

हालांकि भोपाल की एक विशेष अदालत ने आकाश विजयवर्गीय को जमानत दे दी। आकाश विजयवर्गीय जब जमानत पर छूटकर पार्टी ऑफिस पहुंचे तो वहां भी उनके समर्थकों ने हवाई फायरिंग कर अपने नेता का स्वागत किया था। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था। इस तरह स्वागत पर पीएम ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद कुछ देर तक उनके साथ बहस की और बहस इतनी बढ़ गई कि उन्होंने बल्ले से उनकी पिटाई कर दी।

वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने बेटे द्वारा सरकारी अधिकारी को बैट से पीटे जाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि दोनों तरफ से चीजों को नियंत्रित करने में गलती हुई। विजयवर्गीय ने कहा था कि अपने बेटे और नगर निगम अधिकारी को कच्चा खिलाड़ी बताया था। कैलाश विजयवर्गीय के अनुसार, यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं था, लेकिन इसे बड़ा बना दिया गया।