केंद्र सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम की अमृत योजना का विस्तार करने की प्लानिंग कर रही है। शुक्रवार (27 जुलाई) को केंद्र ने पूर्व पीएम वाजपेयी के नाम पर चलाए जा रहे शहरी परिवर्तन के कायाकल्प के लिए अटल मिशन (अमृत योजना) के तहत 1 लाख से कम आबादी वाले कस्बों को शामिल करने की बात कही। तीन साल पहले अटल जी के नाम पर अमृत योजना की शुरुआत की गई थी, जिसके तहत बड़े शहरों में पीने के पानी, सीवेज और जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करने का टारगेट रखा गया था।
इस योजना के तहत वर्तमान में 1 लाख से ज्यादा की आबादी वाले करीब 500 शहरों को शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ समेत 60 शहरों में इस योजना को लागू किया गया है। आपको बता दें कि अमृत योजना के तीन साल पूरा होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार एक लाख से कम की आबादी वाले कस्बों के लिए भी अमृत योजना लाने की प्लानिंग में है और फिलहाल इसके लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है।
हरदीप सिंह ने कहा कि जून 2020 में अमृत योजना का पहला चरण पूरा होने के बाद केंद्र इस योजना का दूसरा चरण लाएगी। इस योजना को बड़ी सफलता बताते हुए पुरी ने कहा कि सरकार को अमृत योजना के पहले चरण में शामिल नहीं होने वाले बहुत से कस्बों से आवेदन मिल रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत न आने वाले कस्बे चाहते हैं कि उन्हें भी इसमें शामिल किया जाए। हरदीप पुरी ने कहा कि सरकार उन सभी 3500 कस्बों का अवलोकन कर रही है, जिन्हें अमृत योजना के दूसरे चरण में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत तौर पर इसे अमृत-प्लस स्कीम कहना चाहूंगा।’