असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस गठबंधन के बीच मुकाबला है। बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा सरमा ने चुनाव से पहले बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि असम जैसे राज्यों में आप सिर्फ विकास के मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि असम में पहचान की राजनीति का भी स्थान महत्वपूर्ण है। सामाजिक-आर्थिक जीवन के लिए पहचान का मुद्दा बहुत ही अहम है।
बीजेपी नेता ने कहा कि विभाजन के दिनों से ही असम घुसपैठ की समस्या से लड़ता रहा है। यही कारण है कि असम की राजनीति और सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक जीवन इस विषय के आसपास केंद्रित या विकसित हुए हैं। यहां तक कि लोकप्रिय नेता रह चुके गोपीनाथ बोरदोलोई और बिमला प्रसाद चालिहा जैसे दिग्गज नेताओं ने भी इस मुद्दे पर चुनाव लड़ा था। लेकिन फिर भी यह मुद्दा अब भी अनसुलझा है।
बीजेपी नेता ने कहा कि अगर आप आज भी मुस्लिम बहुल निचले असम के क्षेत्र में जाएंगे तो वो लोग कहते मिल जाएंगे आपको कि हमें सरकार की सभी योजनाएं मिली हैं, लेकिन मैं भाजपा को वोट नहीं दूंगा। लेकिन ऐसा नहीं है कि हम उनसे शत्रुतापूर्ण व्यवहार करते हैं। यह जानते हुए भी कि हमें वोट नहीं मिलेंगे लेकिन हम उनसे भेदभाव नहीं करते हैं। हम सभी के लिए एक समान काम करते हैं। असम के सभी लोग हमारे लिए एक समान हैं।
बीजेपी नेता ने कहा कि असम में आज भी दो समुदाय राजनीतिक पहचान बनाने के लिए आपस में लड़ रहे हैं। ऐसे में ये संभव ही नहीं है कि आप सिर्फ विकास के नाम पर चुनाव लड़ें। इसलिए असम में आइडेंटिटी की राजनीति काफी महत्वपूर्ण है।
गौरतलब है कि असम विधानसभा के लिए तीन चरण में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होना है। मतों की गणना का कार्य 2 मई को होगा। 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 126 सदस्यों के विधानसभा में 86 सीटों पर जीत दर्ज की थी।