2019 लोकसभा चुनावों में अब कुछ ही महीनों का वक्त बचा है। यही वजह है कि सरकार ने भी चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी हैं। खबर है कि अब सरकार का हर मंत्रालय जल्द से जल्द अपने टारगेट पूरा करने में जुट गया है, ताकि जनता के सामने उनका प्रचार किया जा सके। इसके साथ-साथ सरकार अपने कामों को पूरे जोर-शोर से प्रचारित करने की कोशिशों में भी जुटी हुई है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 22 नवंबर को सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन योजना की शुरुआत करने वाले हैं। इसके लिए पार्टी नेताओं को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के दौरान कम से कम 5000 लोग उपस्थित होने चाहिए।
पीएम मोदी इस दिन देश के 65 केन्द्रों पर एक साथ सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन योजना का शुभारंभ करेंगे। द इंडियन एक्सप्रेस में छपे एक कॉलम ‘देल्ही कॉन्फिडेंशियल’ के अनुसार, नेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि इन सभी 65 केन्द्रों पर भी कम से कम 2000 लोगों की भीड़ मौजूद होनी चाहिए। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री, सांसद और विधायक इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, साथ ही उन पर अपेक्षित भीड़ जुटाने की भी जिम्मेदारी होगी। फिलहाल भाजपा की नजरें 5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों पर लगी हुई हैं। खास बात ये है कि 5 राज्यों में 3 राज्य हिंदी पट्टी के हैं और भाजपा के मजबूत किले हैं। भाजपा की कोशिश है कि लोकसभा चुनावों में उतरने से पहले अपने ये किले बचाए जाएं, ताकि पार्टी बढ़े हुए मनोबल के साथ लोकसभा चुनावों में उतरे।
राम मंदिर मुद्दे की सुगबुगाहट भी इन दिनों सुनाई दे रही है। कई राजनैतिक विशलेषकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव की नजदीकी को देखते हुए ही राम मंदिर का मुद्दा उठाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरने में जुटी हैं। भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बनाना उनकी प्राथमिकता में है ही, साथ ही नोटबंदी, रफाल डील, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे भी गरमाने की कोशिश की जा रही है। यही वजह है कि भाजपा ने चुनावों को लेकर अभी से ही कमर कसनी शुरु कर दी है और हर संभावित रणनीति पर विचार किया जा रहा है। पीएम मोदी भी लगातार जनसभाएं कर रहे हैं और अपने संबोधन में विपक्षी पार्टियों को निशाने पर लेने के साथ ही अपनी सरकार की उपलब्धियों का खूब जिक्र कर रहे हैं।
