Citizenship Amendment Act: संशोधित नागरिकता कानून पर बीजेपी को घटक दलों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी की सहयोगी शिरोमणी अकाली दल ने मांग की है कि इस कानून में मुस्लिम धर्म के लोगों को भी शामिल किया जाना चाहिए। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि धर्म के आधार पर भारत में भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
सुखबीर सिंह बादल ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘हम दृढ़ता से महसूस करते हैं कि मुस्लिम समुदाय को इसमें (संशोधित नागरिकता कानून) शामिल किया जाना चाहिए। मैं अपनी पार्टी की ओर से बोल रहा हूं और पार्टी बहुत स्पष्ट है कि भारत सरकार को इसमें मुस्लिमों को शामिल करना चाहिए। एक संशोधन के जरिए ऐसा किया जाना चाहिए। जनता भी यही महसूस कर रही है और देश का भी यही मूड है।’
हमारे देश में सभी धर्मों के लोग रहते हैं और यही हमारी ताकत है। हम एक टीम की तरह एक साथ हैं। आपने किस वजह से उन्हें (मुस्लिमों) को शामिल नहीं किया? मुझे निजी तौर पर लगता है कि सरकार को उन्हें भी शामिल करना चाहिए।’
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख ने कहा, “मैंने संसद में कहा था कि हमारे (सिख) गुरुओं ने अन्य धर्मों के लोगों के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया और हमारा धर्म हमें ‘सरबत दा भला’ (सभी का कल्याण) सिखाता है। हम विनम्रतापूर्वक सरकार से निवेदन करते हैं कि वे उन्हें भी शामिल करें।’
PM नरेंद्र मोदी NRC पर साफ करें राय: शिरोमणि अकाली दल ने जहां सीएए पर मोदी सरकार के खिलाफ रुख अख्तियार किया है तो दूसरी तरफ जेडीयू ने नेशनल रजिस्टर सिटिजन (एनआरसी) पर ने मोर्चा खोल लिया है। जेडीयी नेता केसी त्यागी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एनआरसी पर अपनी राय साफ करें। इसके साथ ही मांग की गई है कि उन्हें विपक्षी दलों से भी बातचीत करनी चाहिए। प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर एनडीए में एक राय बनानी चाहिए। जनता दल यूनाइटेड ने मौजूदा राजनीतिक हालात पर एनडीए की आपात बैठक बुलाए जाने की मांग की है। जेडीयू की तरफ से कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तुरंत एनडीए की आपात बैठक बुलाए।