आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की जीत का भरोसा जताते हुए आज कहा कि भाजपा ने ‘पैनिक बटन’ दबा दिया है और अब हार टालने के लिए ‘जहर की राजनीति’ का सहारा ले रही है।
विधानसभा चुनाव से पांच दिन पहले केजरीवाल ने दावा किया कि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाएगी और ऐसे में पिछली बार उसके सहयोग से 49 दिन की उनके सरकार चलाने जैसी स्थिति ही नहीं बनेगी।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा कि दिल्ली का चुनाव इस शहर की दहलीज से आगे निकल गया है और यही वजह है कि भाजपा ने चुनाव में अपनी ‘बड़ी तोपों’ को तैनात कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने पैनिक (घबराहट का) बटन दबा दिया है और इसलिए आप देखते हैं कि ये बड़ी तोपें दिल्ली में भाजपा के लिए प्रचार कर रही हैं।’’
केजरीवाल ने भाजपा पर अपने, परिवार और समुदाय के खिलाफ निजी हमलों का सहारा लेने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह उनकी (भाजपा) हताशा और परेशानी को दिखाता है।’’
दक्षिणी दिल्ली में आज सुबह एक गिरजाघर पर हमले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह सब उसी ढर्रे पर चल रहा है जिसे भाजपा ने उत्तर प्रदेश में अपनाया जहां लोकसभा चुनाव और उप चुनाव के समय मतदाताओं का ध्रुवीकरण किया गया।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘यही भाजपा की राजनीति है। वे समाज के ध्रुवीकरण का प्रयास करेंगे। हम प्रेम और लगाव की राजनीति करते हैं तथा वे (भाजपा) जहर की राजनीति करते हैं।’’
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मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में कहा है कि दिल्ली में भाजपा नीत सरकार केंद्र की सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। इस बारे में जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा कि अगर उनकी पार्टी में सत्ता में आती है तो वह मोदी के साथ ‘रचनात्मक’ भावना के साथ काम करेंगे।
भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी को लेकर केजरीवाल ने कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री बनती हैं तो वह मनमोहन सिंह की तरह होंगी जो कांग्रेस में बिना आवाज के थे। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व आईपीएस अधिकारी पुलिस के लिए फिट थीं, लेकिन मुख्यमंत्री पद के उपयुक्त नहीं हैं।
केजरीवाल ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि भाजपा ने किरण बेदी की आवाज दबा दी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार, महंगाई और सुरक्षा के मुद्दे का सामना कर रहे ‘दिल्लीवासियों की जिंदगी’ इस चुनाव में दाव पर है।
केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी में सत्ता में आने पर बिजली के बिल को आधा करेगी और रिश्वतखोरी के खिलाफ कड़े कदम उठाएगी। यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री बनने पर वह फिर से धरना देंगे तो केजरीवाल ने कहा, ‘‘अगर जरूरत पड़ी तो मैं फिर से ऐसा करूंगा। परिस्थिति की जरूरत के हिसाब जो जरूरी होगा उसके मुताबिक मैं चर्चा, बहस या संघर्ष करूंगा।’’
इस आरोप पर कि उन्होंने और बेदी दोनों ने अन्ना हजारे के आंदोलन को अपनी राजनीति शुरू करने के मंच के रूप में इस्तेमाल किया, उन्होंने कहा कि यह लोगों को देखना है क्योंकि ‘एक ने लोकपाल के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया तो दूसरे ने मुख्यमंत्री पद के लिए लोकपाल को छोड़ दिया।’ उनका इशारा बेदी की ओर था।
केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी को जमीनी स्तर पर पूरा समर्थन प्राप्त है क्योंकि दिल्ली के लोग उनकी पार्टी को सत्ता में लाना चाहते हैं ताकि उनकी समस्याओं और चिंताओं का निवारण हो सके। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सत्ता में आने का पूरा भरोसा है। दिल्ली के लोग हमें अपनी सेवा के लिए चाहते हैं। हमारे पास दिल्ली को सही से वैश्विक शहर बनाने और समाज के सभी तबकों की भलाई के लिए स्पष्ट रूपरेखा है।’’
शाजिया इल्मी तथा दूसरे कई नेताओं के पार्टी छोड़ने के बारे में केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी पिछले चुनाव के मुकाबले अब मजबूत हो गई है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में करीब 30,000 नए स्वयंसेवी पार्टी से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर उनकी सरकार निजी बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय मामलों की जांच का आदेश देगी और बिजली क्षेत्र में सुधार की शुरुआत करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने पर महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाना और भ्रष्टाचार पर सख्ती करना उनकी तत्काल प्राथमिकताएं होंगी।