लोकसभा चुनाव से पहले देश की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम देखने को मिल सकता है। बीजेपी और बीजेडी 15 साल बाद एक-दूसरे से हाथ मिला सकते हैं और नवीन पटनायक की पार्टी फिर से एनडीए में शामिल हो सकती हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत काफी आगे पहुंच गई है और जल्द ही इसको लेकर घोषणा की जा सकती है।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि गठबंधन के स्वरूप को लेकर सीएम नवीन पटनायक ने भुवनेश्वर स्थित अपने आवास पर बीजेडी के सीनियर नेताओं से बातचीत की है। बीजेपी ने भी ओडिशा के अपने नेताओं से इस संभावित गठबंधन के बारे में चर्चा की है।

बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने नई दिल्ली में हुई पार्टी की मीटिंग में हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को ओडिशा की सभी 147 विधानसभा सीटों और 21 लोकसभा सीटों के वर्तमान हालातों के बारे में ब्रीफ किया गया है। उन्होंने कहा, “क्योंकि बीजेपी राजनैतिक दल है और इसके फाइनल फैसले केंद्रीय नेतृत्व लिए जाते हैं। जो भी फैसला शीर्ष नेतृत्व लेगा, सभी को इसे मानना होगा। दिल्ली में हुई मीटिंग में गठबंधन के बारे में चर्चा हुई है।”

बीजेडी ने क्या कहा?

चीफ मिनिस्टर के आवास पर हुई मीटिंग के बाद बीजेडी के उपाध्यक्ष देबी प्रसाद मिश्रा ने एक बयान के जरिए कहा कि बीजेडी अध्यक्ष के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों को लेकर गहन चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि 2036 में ओडिशा बनने के 100 साल पूरे हो जाएंगे। बीजद और मुख्यमंत्री इस समय तक कई प्रमुख ‘मील के पत्थर’ हासिल करना चाहते हैं, इसलिए बीजू जनता दल ओडिशा के लोगों के हित में इस दिशा में सब कुछ करेगा।

फाइनल हो चुकी है सीट शेयरिंग?

बीजेपी और बीजेडी दोनों ही दलों की खबरें रखे वाले अंदरूनी लोगों की मानें तो सीट शेयरिंग पर बात फाइनल हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी लोकसभा में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बीजद विधानसभा चुनाव में। कहा जा रहा है कि 147 विधानसभा सीटों वाले ओडिशा में बीजद 100 से ज्यादा सीटों पर ताल ठोकेगी।

कब शुरू हुए गठबंधन के कयास?

दोनों दलों के बीच गठबंधन के कयास तब शुरू हुए जब पटनायक की पार्टी ने राज्यसभा के लिए अश्विनी वैष्णव का समर्थन किया। बीजेपी के पास अश्विनी वैष्णव को राज्यसभा पहुंचाने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं थी। दोनों पार्टियों के संभावित गठबंधन पर बात करते हुए बीजेडी के एक सीनियर नेता कहते हैं कि अगर गठबंधन होता है तो यह दोनों ही दलों के लिए एक विन-विन सिचुएशन होगी क्योंकि बीजेपी केंद्र में रिकॉर्ड मार्जिन के साथ सरकार बनाने पर फोकस कर रही है। बीजेडी लगातार छठी बार ओडिशा में सरकार बनाना चाहती है और बीजेपी मुख्य विपक्षी दल के रूप में आगे बढ़ रही है, ऐसे में यह गठबंधन जीत को और आगे बढ़ाएगा।