दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा यह ऐलान किए जाने के बाद कि वह 2 दिन के अंदर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे, राजधानी का सियासी पारा बढ़ गया है। इस कदम को लेकर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को सत्ता या पैसे का कोई लालच नहीं है और वह दिल्ली की जनता की सेवा करना चाहते हैं। जबकि बीजेपी के कई नेताओं ने केजरीवाल के इस्तीफे को नौटंकी बताया है और कहा है कि वह अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं।
बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल राजनीतिक पैंतरेबाजी के उस्ताद हैं। इल्मी ने कहा है कि केजरीवाल जब तिहाड़ जेल में थे तभी उन्हें अपना इस्तीफा दे देना चाहिए था। वह जानबूझकर इस्तीफे की बात कर रहे हैं क्योंकि सहानुभूति पाने का उनके पास यही एकमात्र तरीका है।
इल्मी ने कहा कि दिल्ली की जनता उनकी असलियत को पूरी तरह समझ चुकी है।
बीजेपी के सिख चेहरे मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय मांगा है। इन दो दिनों में वह विधायकों को मनाएंगे कि उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल को दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनाया जाए। सिरसा ने कहा कि केजरीवाल का यह एक और राजनीतिक स्टंट है।
क्या कहा अरविंद केजरीवाल ने?
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वह दो दिन के भीतर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और अगले दो से तीन दिन में आम आदमी पार्टी के विधायकों की बैठक में नए मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा।
जल्द चुनाव कराने की मांग
दिल्ली में जनवरी-फरवरी 2025 में विधानसभा के चुनाव होने हैं लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मांग की है कि दिल्ली में विधानसभा के चुनाव नवंबर में ही कराए जाएं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जनता का फैसला आने तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। यहां याद दिलाना होगा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित आबकारी घोटाले में 5 महीने तक जेल में रहे।
हरियाणा के चुनाव पर हो सकता है असर
कथित आबकारी घोटाले में अरविंद केजरीवाल को जमानत ऐसे वक्त में मिली है जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अरविंद केजरीवाल हरियाणा में जोरदार ढंग से चुनाव प्रचार करते हुए दिखाई देंगे।
दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आप
हरियाणा के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम बात यह है कि यह राज्य दिल्ली और पंजाब से सटा हुआ है और इन दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी की सरकार है। आम आदमी पार्टी की कोशिश है कि अगले कुछ दिनों में केजरीवाल से जमकर चुनाव प्रचार कराया जाए। राजनीतिक हलकों में ऐसी चर्चा है कि केजरीवाल के हरियाणा में चुनाव प्रचार करने की वजह से विपक्ष के वोटों में बंटवारा होगा और कांग्रेस को इसका नुकसान हो सकता है।
