भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस वक्त सत्ताधारी पार्टी के सबसे बड़े रणनीतिकारों में शुमार हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में जिस तरह से अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी ने उत्तर प्रदेश में भारी जीत दर्ज की, उससे उनकी रणनीतिक कुशलता का बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है। बीते दिनों अमित शाह के जीवन पर आधारित उनकी बायोग्राफी रिलीज की गई थी। इस किताब में दावा किया गया है कि अमित शाह ने 13 साल की उम्र में पहली बार चुनाव प्रचार किया था। किताब में बताया गया है कि भाजपा अध्यक्ष द्वारा अपना पहला चुनाव प्रचार सरदार वल्लभ भाई पटेल की बेटी मनीबेन पटेल के समर्थन में किया था। मनीबेन पटेल ने साल 1977 में गुजरात के मेहसाणा से जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

अमित शाह की इस बायोग्राफी का नाम ‘अमित शाह एंड द मार्च ऑफ बीजेपी’ है। इस किताब के लेखर अनिर्बन गांगुली और शिवानंद द्विवेदी हैं। द इंडियन एक्सप्रेस में छपे वरिष्ठ पत्रकार कूमी कपूर के लेख के अनुसार, अनिर्बन गांगुली श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक हैं। बता दें कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन भाजपा का थिंक-टैंक है। अमित शाह की बायोग्राफी में भाजपा अध्यक्ष के जीवन के साथ-साथ उनकी रणनीतिक कुशलता पर भी काफी कुछ लिखा गया है। किताब में बताया गया है कि अमित शाह ने भाजपा में बहुत ही छोटे स्तर से अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत की थी। अमित शाह ने उस दौरान भाजपा के नारों को दीवारों पर लिखने और पार्टी के पोस्टर्स चिपकाने का भी काम किया।

अमित शाह चुनावों के दौरान ना सिर्फ रणनीति पर ध्यान देते हैं, बल्कि जनता के बीच पहुंचने और जनसंपर्क में भी खूब मेहनत करते हैं। मौजूदा लोकसभा चुनावों में अमित शाह ने 312 लोकसभा सीटों का दौरा किया और इस दौरान 161 जनसभाओं को संबोधित किया। अमित शाह का दावा है कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने 1.58 लाख किलोमीटर का सफर तय किया और 18 रोडशो किए।