बिहार में इन दिनों चर्चा है शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की। पिछले दिनों उन्होंने शिक्षा विभाग में हालात को सुधारने के लिए कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जिन्हें कठोर भी कहा जा रहा है तो ज़रूरी भी। इस दौरान चर्चा बेगुसराय के जिला शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए एक आदेश की भी है। जिसमें स्कूल में आने के लिए छात्रों और शिक्षकों को ढंग के कपड़े और बेहतर हुलिये के साथ आने के लिए कहा गया है। 

कर्मचारियों के लिए यह आदेश शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने जारी किया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर यह आदेश जारी किया गया है. बिहार के सारण जिले के जिला मजिस्ट्रेट ने इस साल अप्रैल में सभी सरकारी कर्मचारियों के जींस और टी-शर्ट पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

क्या है इस आदेश में? 

 बेगुसराय के जिला शिक्षा विभाग द्वारा जारी इस आदेश में कहा गया है कि स्कूल में कोई भी शिक्षक दाढ़ी बढ़ाकर नहीं आएगा और अगर वह ऐसा करता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा उसकी एक दिन का वेतन भी काट लिया जाएगा।   निरीक्षण के दौरान यदि वो पकड़े जाएंगे तो एक दिन का वेतन काट लिया जाएगा। इस आदेश महिला टीचरों के लिए भी कपड़ों को लेकर सख्त हिदायतें दी गई हैं। 

बेगूसराय के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने आदेश जारी कर कहा है कि महिला शिक्षिका चमकीले-भड़कीले वस्त्र पहनकर नहीं आएंगी। ऐसा करने पर उनका वेतन काट लिया जाएगा। 

शिक्षकों ने जताया विरोध 

इस आदेश को लेकर शिक्षकों ने गुस्सा ज़ाहिर किया है कि शिक्षा विभाग मूल समस्याओं पर ध्यान ना देकर ऐसे आदेश पारित कर रहा है, जबकि स्कूलों और भी कई समस्याएं हैं। शिक्षकों पर ऐसा आरोप नहीं सौंपा जाना चाहिए, यह एक गलत आदेश है। इसके अलावा इस आदेश में स्कूल में मोबाइल ना लेने से लेकिन और भी कई सख्त पॉइंट्स रखे गए हैं। इससे पहले ऐसा आदेश असम सरकार भी जारी कर चुकी है, जहां शिक्षकों के जींस-टी-शर्ट पहनकर आने पर पाबंदी लगा दी गई थी।