एनडीए से टूटकर अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLSP (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) और शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का विलय थम गया है। इसके पीछे आरजेडी को बड़ी वजह बताया जा रहा है। RLSP के एक सूत्र के मुताबिक आरजेडी प्रमुख इस विलय से खुश नहीं है और RLSP किसी भी सूरत में महागठबंधन का नेतृत्व कर रही आरजेडी को नाराज नहीं करेगी।

कुशवाहा और शरद यादव सीटों में हिस्सेदारी को लेकर लगातार बातचीत कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक बिहार में कुशवाहा 6 सीट मांग रहे हैं, जबकि शरद यादव मधेपुरा समेत तीन सीटों पर दावा ठोक रहे हैं। हालांकि, सीटों में हिस्सेदारी को लेकर आखिरी फैसला 15 जुलाई के बाद होगा। आरजेडी के एक सूत्र के मुताबिक महागठबंधन से जुड़े तमाम नेताओं ने लालू यादव से मुलाकात की है। लेकिन, उन्होंने इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं दिया है।

RLSP और LJD के विलय में देरी पर RLSP के एक नेता ने कहा, “हमारे वरिष्ठ नेता नागमणि ने हाल ही में लालू प्रसाद से रांची में मुलाकात की और इसके बाद स्थानीय पत्रकारों से उपेंद्र कुशवाहा को बिहार का सीएम बनने की बात कह दी। उनकी इस बात से कुशवाहा जी असहज हो गए। हम सभी जानते हैं कि आरजेडी तेजस्वी प्रसाद यादव को सीएम उम्मीदवार के तौर पर प्रॉजेक्ट कर रही है। हम कोई भी ऐसी राजनीतिक संकेत देना नहीं चाहते जिससे की हमारे और आरजेडी के बीच तनाव पैदा हो।” उन्होंने कहा, “शरद यादव की पार्टी से विलय होने के बाद आरएलएसपी एक बड़ी यूनिट के रूप में उभरेगी। दोनों ही दल प्रस्तावित विलय की ओर धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं।” आरएलएसपी नेता ने माना कि उनमें नेतृत्व को लेकर मुद्दा गरमा सकता है।

जानकारी के मुताबिक शरद यादव 2019 के लोकसभा चुनाव में सीतामढ़ी, जमुई और मधेपुरा की सीट चाहते हैं। लेकिन, आरजेडी उन्हें तीन सीट नहीं देना चाह रही है। हालांकि, शरद यादव 5 जनवरी को लालू प्रसाद यादव से मिलने वाले हैं। इसके अलावा लोकतांत्रिक जनता दल के नेता गठबंधन के भविष्य और आरएलएसपी में विलय को उम्मीद कायम रखे हुए हैं। लेकतांत्रिक जनता दल के नेता अली अनवर ने कहा, “हम आरएलएसपी के साथ विलय की बात कर रहे हैं। बातचीत जारी है। यह आज नहीं तो कल होकर रहेगा। हमारा लक्ष्य है कि महागठबंधन बीजेपी के खिलाफ सशक्त ताकत के रूप में उभरे।”