बिहार चुनाव में मिली करारी हार ने नरेंद्र मोदी का विजय रथ रोक दिया है। महागठबंधन की जीत का संदेश पश्चिम बंगाल, उत्‍तर प्रदेश, असम, तमिलनाडु और केरल तक गया है। आइए जानते हैं कि इन पांच राज्‍यों पर क्‍या पड़ेगा बिहार चुनाव का प्रभाव?

उत्‍तर प्रदेश

बिहार चुनाव में महागठबंधन का साथ छोड़ने वाली समाजवादी पार्टी ने अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने में जुट गई है। रविवार को इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में समाजवादी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता और मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) भविष्‍य की रणनीति फिर से तैयार करेंगे।

पश्चिम बंगाल

बिहार चुनाव में मिली हार से पश्चिम बंगाल में चल रही बीजेपी की तैयारी को जोरदार झटका लगा है। पश्चिम बंगाल में 2016 में विधानसभा चुनाव होने हैं। यही वजह है कि बीजेपी की हार से ममता बनर्जी बेहद उत्‍साहित हैं और उन्‍होंने नीतीश कुमार जीत की बधाई भी दी। इसमें शक नहीं कि बिहार चुनाव में हार से बीजेपी की लोकप्रियता प्रभावित हुई है।

तमिलनाडु

बिहार चुनाव की हार का अगर सबसे ज्‍यादा प्रभाव कहीं पर पड़ सकता है तो वो है तमिनाडु। अमित शाह ने अगस्‍त 2015 में तमिलनाडु के लिए खास रणनीति बनाई थी, जो कि कमोबेश बिहार के ही जैसी थी, लेकिन उन्‍हें जो अनुभव मिला है, उससे आशंका के बादल मंडराने तो लगे हैं।

केरल

बीजेपी के शीर्ष नेता जब बिहार में प्रचार कर रहे थे, तब केरल में लोकल बॉडी इलेक्‍शन हो रहे थे। इसमें बीजेपी को ठीक-ठाक सफलता मिली, लेकिन इस राज्‍य में सबसे बड़ी चुनौती अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। बीजेपी ने लोकल बॉडी इलेक्‍शन में कई दलों के साथ समझौता किया था, अब देखना होगा कि अगले साल अप्रैल में वहां क्‍या होता है? पार्टी का मानना है कि चुनाव के वक्‍त केरल में मुद्दे अलग होंगे।

असम

बिहार चुनाव के बाद सभी का फोकस असम की ओर शिफ्ट होने वाला है। इस राज्‍य में बीजेपी का मुख्‍य मुकाबला कांग्रेस के साथ होना है। खुद पीएम नरेंद्र मोदी काफी समय से असम में बीजेपी को खड़ा करने के लिए प्रयासरत दिखे हैं। अब देखना होगा कि यहां बीजेपी किस प्रकार की रणनीति अपनाएगी।