बिहार में सत्तारुढ़ जनता दल यूनाइटेड(जदयू) ने अपने प्रवक्ता अजय आलोक को पार्टी से बाहर कर दिया है। बताया जा रहा है कि उनपर यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में हुई है। वहीं इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कांग्रेस के दिग्गज नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने एक ट्वीट में कहा कि JDU ने हीरा खो दिया।

आचार्य प्रमोद ने एक पत्रकार के ट्वीट को रिट्वीट कर लिखा, ‘हीरा खो दिया’। इस ट्वीट पर लोगों ने कांग्रेस नेता को ट्रोल करना शुरू कर दिया। जुल्फीकार अली शेख(@shaikhzulfi84g1) नाम के एक यूजर ने लिखा, “पता नही कांग्रेस आप जैसे हीरा को कब खोएगी।” एक अन्य यूजर ने आचार्य प्रमोद पर तंज कसते हुए लिखा, “आप भी कांग्रेस के लिए हीरे से कम नहीं, बस सोनिया मैडम को हीरे की परख नहीं… अफ़सोस !”

वहीं देवेंद्र सिंह ने लिखा, “कोयला खुद हीरा बोल रहा है।” एलबी सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा, “कांग्रेस ने कितने “हीरे” खोये.. एक “कोयला” को बचाने में…।”

माना जा रहा है कि अजय आलोक को जदयू के सीनियर नेता आरसीपी सिंह से निकटता के चलते पार्टी से बाहर किया गया है। वहीं पार्टी ने अजय आलोक के अलावा पार्टी के प्रदेश महासचिव अनिल कुमार और विपिन कुमार यादव पर भी कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है।

खुद के पार्टी से निकाले जाने पर अजय आलोक ने कहा, “बड़ी देर कर दी मेहरबां आते-आते…बहुत-बहुत धन्यवाद मुझे मुक्त करने के लिए, इतने साल का संबंध रहा। काफी अच्छा रहा।

वहीं गुरुवार को एक और ट्वीट में अजय आलोक ने लिखा, “प्रकृति का नियम है, मौसम बदलता है और आदमी भी बदलता है लेकिन मूल चरित्र नहीं बदलता , मैं आज से अपने मूल स्वरूप में रहूँगा , पाटलिपुत्र क्रांति की जननी रही हैं और मैं इस धरती का पुत्र हूँ और इस साल की बारिश पूरे वेग में रहेगी । जय हिंद।”

दरअसल यह पूरा मामला जदयू नेता और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार के बीच रिश्तों में आई खटास से माना जा रहा है। बता दें कि 2021 में मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। इसके बाद से ही नीतीश कुमार और उनके बीच रिश्ते बिगड़ने शुरू हो गये। बिहार सीएम नीतीश कुमार से नाराजगी के चलते जदयू ने उन्हें तीसरी बार राज्यसभा टिकट नहीं दिया। आरसीपी सिंह का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है।

अजय आलोक पर हुई कार्रवाई भी आरसीपी सिंह से चल रहे विवाद का हिस्सा माना जा रहा है। उन्हें आरसीपी सिंह के करीब माना जाता है। ऐसे में जदयू ने उन्हें भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है।