Nitish Kumar Oath Taking Ceremony Updates: बिहार राजभवन में नीतीश कुमार ने बुधवार को आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली। वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दूसरी बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के बाद तेजस्वी ने कहा कि बिहार के लोगों को एक महीने में बंपर रोजगार देंगे। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा को 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी को सीएम बनाना चाहिए था।
नीतीश कुमार क्या बोले:
नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ लेने के बाद प्रेस वार्ता में कहा कि पिछले दो महीनों से हालात ठीक नहीं थे। उन्होंने कहा कि हमने भाजपा को सपोर्ट दिया लेकिन वो हमें ही हराने में लगे थे। हमारी यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा को लगता था विपक्ष खत्म हो जाएगा लेकिन अब हम भी विपक्ष में हैं।
मोदी का नाम लिए बिना नीतीश कुमार ने कहा कि 2014 में आने वाले, 2024 में रहेंगे तब ना। उन्होंने कहा, हम रहें या न रहें वे 2024 में नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि मैं 2020 में सीएम नहीं बनना चाहता था। 2024 में प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर बिहार CM नीतीश कुमार ने कहा कि नहीं, हमारी किसी भी पद के लिए कोई दावेदारी नहीं है।
शपथ ग्रहण से पहले पटना में BJP द्वारा नीतीश कुमार के खिलाफ प्रदर्शन में भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा, “नीतीश जी के साथी अच्छे नहीं हैं। ‘अच्छा सिला दिया हम लोगों के प्यार का’ ये तो बड़ी गलत बात है। जब भी मिले कभी आभास नहीं हुआ कि वे छोड़ कर जाएंगे। लोकसभा के चुनाव में 40 सीट भाजपा जीतेगी।
वहीं आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने जदयू और आरजेडी की सरकार को जनादेश की घर वापसी करार दिया है। उन्होंने कहा कि ये सरकार सिर्फ शपथ ही नहीं लेगी बल्कि 2017 से लेकर 2020 तक के लिए मिले जनादेश की घर वापसी हो रही है।
जानकारी है कि नीतीश कुमार की नई सरकार में 35 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। इसमें आरजेडी के 16, जदयू के 13 मंत्री हो सकते हैं। वहीं एक हम के और दो कांग्रेस के भी मंत्री हो सकते हैं। इससे साफ है कि इस बार भी नीतीश सरकार में आरजेडी का दबदबा होगा।
इसके अलावा भाजपा के दिग्गज नेता रवि शंकर प्रसाद ने नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए कहा कि नीतीश कुमार गैर कांग्रेसी नेता रहे हैं। उनकी राजनीति गैर-कांग्रेसवाद के इर्द-गिर्द है। क्या यह विचारधारा अब खत्म हो गई? भ्रष्टाचार और गैर-कांग्रेसवाद से समझौता हो गया है? नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार और कांग्रेसवाद का पक्ष लिया। इसके लिए बधाई, लोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों में इसका जवाब देंगे।
Bihar Political Crisis Live: भाजपा से सियासी ब्रेकअप के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने जा रहे हैं। यहां पढ़ें पल-पल की अपडेट्स-
बिहार में जदयू के भाजपा से अलग होकर राजद के साथ जाने और सरकार बनाने पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसा है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, “साज़िश, धोखा, छल, छलावा एक दिन लौटकर तख़्त गिराता।”
लोजपा नेता (रामविलास गुट) चिराग पासवान ने कहा कि आज नीतीश कुमार की कोई साख नहीं है। हम चाहते हैं कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हो और राज्य को नए सिरे से जनादेश मिले। आखिर नीतीश कुमार की कोई विचारधारा है या नहीं? अगले चुनाव में जदयू को जीरो सीटें मिलेंगी।
लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एक ट्वीट में लिखा, “मैं सभी बिहार वासियों को धन्यवाद देता हूं। खास कर युवाओं का, आपका प्यार, दुलार एवं आशीर्वाद से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है।”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “बिहार की जनता को उनकी जीत के लिए बधाई..आखिरकार बुराई पर अच्छाई की विजय हुई…चलो अब सच की ताकत से विकास की नई गाथा लिखी जाये…जय बिहार,जय राजद”
सुशील मोदी ने जदयू के अलग होने पर कहा कि नीतीश कुमार को जैसा सम्मान भाजपा के साथ मिल रहा था वो राजद में नहीं मिलेगा। हमारी अधिक सीटें थीं, इसके बाद भी हमने नीतीश कुमार को सीएम बनाया।
भाजपा ने नीतीश कुमार के कदम को विश्वासघात करार दिया है। ऐसे बीजेपी बुधवार को सभी जिलों में जद (यू) नेता के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध (महाधरना) दर्ज कराएगी। इसके बाद ब्लॉक लेवल पर भी आंदोलन होगा। वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश की पार्टी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।
भाजपा ने नीतीश कुमार के अलग होने के फैसले पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों द्वारा दिए गए जनादेश का अपमान किया है।
बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 19.5 फीसदी रहा, जबकि जद (यू) को 15.4 फीसदी रहा। वहीं सबसे अधिक राजद को 23.1 फीसदी वोट शेयर हासिल हुआ था। इसके अलावा कांग्रेस को 9.5 फीसदी का वोट मिला था।
बिहार में सबसे बड़ी पार्टी लालू प्रसाद यादव की राजद है। राजद के पास 79 विधायक हैं। इसके अलावा बीजेपी के पास 77, जद (यू) के पास 45, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के पास 4, कांग्रेस के पास 19, सीपीआई (एमएल) के पास 12, सीपीआई के पास 4, एआईएमआईएम के पास 1, और एक निर्दलीय विधायक हैं।
बिहार में आरसीपी सिंह के मुद्दे पर भाजपा और जदयू के बीच दूरियां काफी बढ़ गईं। दअरसल जदयू ने भ्रष्टाचार के मामले में आरसीपी सिंह को नोटिस भेजा था। जिसके बाद सिंह ने जदयू से इस्तीफा दे दिया। जदयू का आरोप है कि भाजपा जदयू में आरसीपी सिंह के बहाने बगावत कराना चाहती थी।
पिछले कई दिनों की बिहार में सियासी उठापटक के बाद आखिरकार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 9 अगस्त को अपना इस्तीफा दे दिया। अपना इस्तीफा देने के साथ ही नीतीश कुमार ने राज्यपाल के सामने नई सरकार बनाने का दावा भी पेश किया। नीतीश ने बुधवार को 8वीं बार राज्य के सीएम के तौर पर शपथ ली।