बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्योगपतियों के साथ एक बैठक में उन्हें गोसेवा के लिए आगे आने के लिए कहा है। टेलिग्राफ की एक ख़बर के मुताबिक पटना स्थित सचिवालय में मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों के साथ बैठक में गायों के लिए गोशाला बनाने की बात कही। प्रदेश में औद्योगिक विकास को लेकर चल रही इस बैठक में उन्होंने गाय के मूत्र और गोबर की उपयोगिता का बखान किया। अखबार ने सूत्र के हवाले से बताया है कि नीतीश कुमार की बात सुनकर कुछ उद्योगपति भौचक थे। मुख्यमंत्री ने कहा,”गाय सिर्फ दूध देने के लिए ही लाभकारी नहीं है, बल्कि उसके गोबर और मूत्र भी ऑर्गेनिक खाद और किटनाशक तैयार करने के लिए जरूरी है। मैं आप सभी से प्रदेश में गोशाला के निर्माण में सहयोग देने का अनुरोध करता हूं।”

हालांकि, वहां बैठे अधिकांश उद्योगपति यह ठीक से समझ नहीं पा रहे थे कि सीएम ने उनसे यह बात मजाकिया लहजे में कही या फिर गंभीरता के साथ। मगर, कुछ उद्योगपतियों ने माना कि मुख्यमंत्री ने गोशाला वाली बात पूरी ईमानदारी और गंभीरता के साथ कही। टेलिग्राफ के मुताबिक बैठक में शामिल एक कारोबारी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि मुख्यमंत्री का कॉरपोरेट्स की बैठक में यह बातें आवाक करने वाली थीं। उनकी इस बात से उद्योग के संबंध में प्रस्तावित गंभीर चर्चा प्रभावित हुई। साथ ही में उसने यह आरोप लगाए कि नीतीश कुमार बिहार में निवेश को बढ़ावा देना नहीं चाहते।

वहीं, इस बैठक के संबंध में बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी अपनी राय रखी है। रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया कि सीएम ने यह बयान हल्के-फुल्के अंदाज में बयान किया। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रदेश में डेरी उद्योग को बढ़ाने के लिए अक्सर बातें करते रहे हैं। कई बार उन्होंने बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (कॉम्फेड) के विस्तार की बात की है। इस साल उन्होंने एक कार्यक्रम में बताया था कि जब उन्होंने कार्यभार संभाला था तब बिहार 4 लाख लीटर दूध का संग्रहण करता था। लेकिन, अब यह 20 लाख 85 हजार लीटर रोजाना दूध संग्रहण करता है। इसके अलावा नीतीश कुमार अपने जनसभाओं में भी अक्सर दूध उत्पादन के साथ-साथ ऑर्गेनिक खेती में जानवरों के इस्तेमाल पर भी बल देने की बात कहते रहे हैं।