बिहार सरकार ने 31 मई को राज्य में 102 आपात सेवा के तहत चलने वाली 2125 ऐम्बुलेंस को चलाने का ठेका पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (पीडीपीएल) को दिया है।  ये ठेका 1600 करोड़ रुपये का है।   कंपनी जहानाबाद से जेडीयू के सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के रिश्तेदारों की है और फिलहाल सवालों के घेरे में है। 

द इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पीडीपीएल पर खराब सेवाओं के लिए कई सवालिया निशान उठते रहे हैं। 

पीडीपीएल और सम्मान की सेवाओं पर उठ रहे सवाल 

इस खबर से जुड़ा हुआ ताज़ा मामला द इंडियन एक्स्प्रेस की एक रिपोर्ट के बाद सामने आया है। जिसके मुताबिक बिहार में जनता दल यूनाइटेड के एक सांसद के बेटे को अदालत की चेतावनी के बावजूद 1600 करोड़ रुपये का ऐम्बुलेंस का ठेका दिया गया। जिस कंपनी को यह अगले पांच साल के लिए यह ठेका दिया गया है, वह पहले से ही सवालों के घेरे में रही है। 

अखबार ने 2019 और 2021 के बीच जारी हुई 12 ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा है कि रिपोर्ट ने पीडीपीएल और सम्मान द्वारा दी गई सेवा पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। इसमे कोविड महामारी के खतरनाक दो साल भी शामिल हैं। ऑडिट रिपोर्ट एक्सपायर्ड दवाओं से लेकर लापता ऑक्सीजन सिलेंडर तक, पर्याप्त स्टाफ की कमी से लेकर खराब स्वच्छता तक की दूर्दशा को दिखाती है। 

इंडियन एक्सप्रेस का खुलासा : 

  • 4 अक्टूबर, 2019: भागलपुर और मुंगेर जिलों में निरीक्षण किए गए सात एंबुलेंस में, माइक्रो-ड्रिप सेट नहीं था, साथ ही  एक्सपायर्डदवाएं और ज़रूरत के उपकरण पाए गए।  मुंगेर के जमालपुर में किसी भी एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला।
  • 13 फरवरी, 2020: वैशाली और मुजफ्फरपुर में जांच की गई सात एंबुलेंस में, कुछ एंबुलेंस में एक्सपायर्ड दवाएं पाई गईं, लगभग सभी एंबुलेंस में एयर-कंडीशनिंग काम नहीं कर रहा था और निर्धारित दवाओं का न्यूनतम सेट किसी भी एम्बुलेंस में नहीं रखा गया था।
  • 24 फरवरी, 2020: नालंदा और नवादा में चार में से दो एंबुलेंस के निरीक्षण में एक्सपायर्ड दवाएं मिलीं, जांच की गई किसी भी एंबुलेंस में दवाओं की न्यूनतम मात्रा नहीं रखी गई; चार में से दो एम्बुलेंस में AC काम नहीं कर रहा था और किसी भी एम्बुलेंस में सफाई नहीं थी।
  • 24 फरवरी, 2020: सुपौल, समस्तीपुर और दरभंगा में निरीक्षण की गई नौ एंबुलेंस में से पांच में एक्सपायरी दवाएं मिलीं; चार वाहनों में एयर कंडीशनर काम नहीं कर रहे थे और सभी एंबुलेंस में दवाएं मौजूद नहीं थीं।
  • 6 जुलाई, 2020: वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सुपौल और दरभंगा जिलों में 14 एंबुलेंस का निरीक्षण करने पर ऑडिट में चार में एक्सपायर्ड दवाएं और तीन में खाली ऑक्सीजन सिलेंडर मिले।
  • 15 दिसंबर 2020: अरवल, भोजपुर और बक्सर में निरीक्षण की गई पांच एंबुलेंस में से तीन में एक्सपायरी दवाइयां और दो एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर गायब थे।
  • 10 फरवरी, 2021: जहानाबाद, शिवहर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण में जिन 11 एंबुलेंसों का निरीक्षण किया गया, उनमें से पांच में एक्सपायर्ड दवाएं मिलीं, एक एंबुलेंस में एक खाली ऑक्सीजन सिलेंडर और आठ एंबुलेंसों में ब्लड प्रेशर चेक करने वाली मशीनें काम नहीं कर रही थीं; सभी एंबुलेंस में सफाई की कमी थी।