बिहार बीजेपी में सबकुछ ठीक चलता हुआ नहीं दिख रहा है। नरकटियागंज से भाजपा विधायक ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं गोवा में भी एक निर्दलीय विधायक ने इस्तीफा देते हुए कांग्रेस का दामन थामने की बात कही है।
बिहार के नरकटियागंज से विधायक रश्मि वर्मा ने रविवार को अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया है। इस्तीफा के लिए उन्होंने निजी कारणों का हवाला दिया है। रश्मि वर्मा अपने राजनीतिक कैरियर में पहले भी ऐसा कर चुकी हैं। रश्मि वर्मा पहले जदयू में थीं। 2014 में वो बीजेपी में गईं और उपचुनाव में जीत हासिल करके विधायक बन गईं।
इसके बाद 2015 में जब बीजेपी की ओर से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय मैदान में उतर गईं और अपने जेठ विनय वर्मा से हार गईं। हालांकि तब बीजेपी यहां से जीत नहीं पाई और कांग्रेस के विनय वर्मा यहां से बाजी मार गए। इसके बाद फिर से 2020 में बीजेपी ने इन्हें टिकट दिया और वो दोबारा जीत कर विधानसभा पहुंच गईं। अब एक बार फिर से उन्होंने इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। इस इस्तीफे के साथ ही बिहार बीजेपी नेतृत्व पर भी सवाल उठ रहा है।
दूसरी ओर गोवा के निर्दलीय विधायक प्रसाद गांवकर ने चुनाव से एक महीने पहले रविवार को गोवा विधानसभा के सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया। मिली जानकारी के अनुसार वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। सांगुम विधायक ने अपना इस्तीफा गोवा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है।
इनके इस्तीफे के साथ ही 40 सदस्यीय सदन में अब सिर्फ 33 विधायक रह गए हैं। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा- “मैंने एक विधायक के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया है। मैं जल्द ही सांगुम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी में शामिल होऊंगा।
पिछले विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीते थे, लेकिन आज उसके पास सिर्फ दो विधायक बचे हैं। कई विधायक कांग्रेस छोड़कर अन्य कई दलों में शामिल हो चुके हैं। राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 14 फरवरी को होगा।