Nalanda University: पीएम मोदी ने आज बिहार के राजगीर में नालंदा यूनिवर्सिटी के नए परिसर का उद्घाटन कर दिया है। कैंपस के उद्घाटन के लिए आयोजित किए गए कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर और 17 देशों के राजदूत शामिल हुए। आइए अब जानते हैं कि इस यूनिवर्सिटी में छात्रों के लिए क्या-क्या सुविधाएं होंगी और इस कैंपस में क्या कुछ खास है।
यूनिवर्सिटी का नया कैंपस नालंदा के प्राचीन खंडहरों के करीब ही है। नालंदा एक समय दुनिया का शिक्षा का केंद्र हुआ करता था। दुनिया भर के स्टूडेंट यहां पर पढ़ते थे। तकरीबन 800 सालों तक इन प्राचीन विद्यालय ने ना जाने कितने छात्रों को शिक्षा दी है। लेकिन आक्रमणकारियों ने इसे तबाह कर दिया। अब 815 सालों के लंबे इंतजार के बाद यह फिर से अपने पुराने स्वरूप में लौट रहा है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सपनों की नालंदा यूनिवर्सिटी अब साकार रूप ले रही है।
इतिहास काफी पुराना
इस यूनिवर्सिटी का इतिहास कोई आज या कल का इतिहास नहीं है। बल्कि यह काफी पुराना है। लगभग 1600 साल पहले नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना पांचवी सदी में हुई थी। जब देश में यूनिवर्सिटा का निर्माण हुआ तो यह दुनियाभर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया। यहां पर एक साथ 10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ते थे। 1500 से ज्यादा टीचर उनको पढ़ाने का काम करते थे। नालंदा यूनिवर्सिटी को दुनिया की पहली आवासीय यूनिवर्सिटी कही जाती है।
छात्रों को क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी
अब सबसे बड़ी बात यह है कि इस नालंदा यूनिवर्सिटी में छात्रों को किस तरह की सुविधाएं मिलेंगी। नालंदा यूनिवर्सिटी में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, मॉरीशस, समेत 17 देशों की भागीदारी है। इसके अलावा आने वाले सेशन में पीएचडी में दाखिला लेने के लिए कई विदेशी छात्रों ने अपना आवदेन दिया है। विदेशी छात्रों के लिए नालंदा यूनिवर्सिटी में करीब 137 तरह की तो स्कॉलरशिप रखी गई हैं। इतना ही नहीं, फिलॉसफी, इतिहास और मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए अलग-अलग स्कूलों का भी निर्माण किया गया है।
नालंदा यूनिवर्सिटी में दो अकेडमिक ब्लॉक हैं। इनमें करीब 40 क्लासरूम हैं। यहां पर 1900 से ज्यादा बच्चों के बैठने के लिए सुविधाएं हैं। यूनिवर्सिटी में दो ऑडिटोरिम भी बनाए गए हैं। इसमें करीब 300 सीटें हैं। इसके अलावा दूसरी सुविधाओं की बात करें तो एम्फीथिएटर भी बनाया गया है। यहां पर भी करीब दो हजार से ज्यादा लोग बैठ सकते हैं। छात्रों के लिए फैकल्टी क्लब और स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स भी बनाए गए हैं। नालंदा यूनिवर्सिटी का कैंपस नेट जीरो कैंपस है। अगर सरल शब्दों में बताए तो यहां पर पर्यावरण के अनुकूल एक्टिविटी और पढ़ाई होगी। कैंपस में पानी की भी काफी बेहतर सुविधा है। पानी को रि-साइकल करने के लिए प्लांट लगाया गया है। इसमें कई सारी सुविधाएं तो पर्यावरण के हिसाब की ही हैं।