पीएम मोदी के प्रचार प्रसार के खिलाफ आरजेडी और जेडीयू द्वारा केंद्रीय चुनाव आयोग को शिकायत किए जाने पर सभी बीजेपी के सभी विज्ञापनों पर रोक लगा दी गई है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने राजद की ओर से बीजेपी 28 एवं 29 अक्टूबर को विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित दो विज्ञापनों के प्रकाशन को झूठा एवं भ्रामक बताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराये जाने के बाद यह कार्रवाई की है।
वहीं दूसरी ओर चुनाव कांग्रेस ने आयोग द्वारा विज्ञापनों पर रोक लगाने का स्वागत किया है। साथ ही पीएम मोदी और अमित शाह से बिहार और देश से माफी मांगने की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जाति के नाम पर ध्रुवीकरण कर वोट मांगने के लिए पीएम के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि आयोग के निर्देश के बाद अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अरविंद कुमार चौधरी ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को निर्देश देते हुए कहा कि ‘वोटों की खेती के लिए, आतंक की फसल सींचना क्या सुशासन है? एवं दलितों-पिछड़ों की थाली खींच, अल्पसंख्यकों को आरक्षण परोसने का षडयंत्र क्या सुशासन है? इन दोनों के पुन: प्रकाशन एवं इनके समरूप जारी किए जाने वाले विज्ञापनों पर रोक लगा दी गई है।
दरअसल, बीजेपी के एक विज्ञापन में इंडियन मुजाहिदीन, यासीन भटकल, तहसीन अख्तर जैसे आतंकियों को बिहार में पनाह देने का आरोप लगाया गया था। वहीं दूसरे विज्ञापन में आरोप लगाया है कि दलितों और पिछड़ों का आरक्षण छीनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की वकालत कर रहे हैं। यही वजह है कि चुनाव आयोग ने दोनों ही विज्ञापनों को बैन कर दिया है।
ऐसे विज्ञापन चुनाव प्रक्रिया की समाप्ति तक प्रकाशित नहीं किए जाएंगे। गौरतलब है कि राजद ने इन विज्ञापनों पर आपत्ति जताते हुए भाजपा की मान्यता समाप्त करने की मांग चुनाव आयोग से की है।
लगातार ब्रेकिंग न्यूज, अपडेट्स, एनालिसिस, ब्लॉग पढ़ने के लिए आप हमारा फेसबुक पेज लाइक करें, गूगल प्लस पर हमसे जुड़ें और ट्विटर पर भी हमें फॉलो करें