किसी भी नेता को मंत्री पद देते वक्त आजकल काफी गुणा-भाग किया जाता है लेकिन बिहार चुनाव से जुड़ा एक ऐसा भी किस्सा है, जिसमें संजय गांधी ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार करते वक्त ही उन्हें मंत्री पद देने का ऐलान कर दिया था और फिर जीत के बाद अपने वादे को पूरा भी किया।
बता दें कि साल 1980 में जनता पार्टी की सरकार गिरने के बाद बिहार में फिर से विधानसभा चुनाव हुए। इन चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई। उस वक्त पटना पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से संजय गांधी के दोस्त कहे जाने वाले शहर के मशहूर चिकित्सक आरएचपी सिन्हा के बेटे रंजीत सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। संजय गांधी खुद उनके प्रचार के लिए पटना पहुंचे थे। उस दौरान एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए संजय गांधी ने वादा किया था कि अगर रंजीत सिन्हा जीते तो उन्हें मंत्री पद दिया जाएगा।
बता दें कि रंजीत सिन्हा इन चुनाव में भारी मतों से जीते। जिसके बाद संजय गांधी ने भी अपने वादे को पूरा करते हुए रंजीत सिन्हा को पहले जगन्नाथ मिश्र की सरकार में और फिर चंद्रशेखर सिंह की सरकार में उपमंत्री और राज्यमंत्री का पद दिलाया।
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 169 सीटों पर जीत हासिल की और पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी। चुनाव से पहले संजय गांधी ने मुस्लिम मतदाताओं को मनाने के लिए नसबंदी कार्यक्रम के लिए माफी मांगी थी। जिसके बाद मुसलमानों ने भी कांग्रेस को जमकर वोट दिया था।
1980 विधानसभा चुनाव में दलितों का मुद्दा काफी गरमाया था। दरअसल बिहार के बेलछी में दलितों की हत्या हुई। जिसके बाद इंदिरा गांधी कार, जीप, फिर ट्रैक्टर और फिर हाथी पर सवार होकर बेलछी पहुंची थी। इसके बाद दलित मतदाताओं में इंदिरा गांधी खासी लोकप्रिय हो गई थीं। कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार अभियान में महंगाई खासकर प्याज की बढ़ी कीमतों को मुद्दा बनाया और पार्टी को इसका फायदा भी मिला।