बिहार के जमुई जिले के गिद्धौर स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी रामस्वरूप चौधरी ने कोरोना से उबरने के बाद होने वाली समस्याओं से तंग आकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि कोरोना के बाद पागलपन जैसा महसूस कर रहा हूं।साथ ही उन्होंने लिखा कि याददाश्त काम नहीं कर रहा है। नींद भी नहीं आती है। इसलिए जान दे रहा हूं।
खबरों के अनुसार पिछले छह साल से गिद्धौर स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत रामस्वरूप चौधरी ने मंगलवार सुबह अपने सरकारी आवास में पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि सुबह काफी देर तक उन्होंने अपने सहकर्मियों और विभाग के लोगों से फोन पर बातचीत की उसके बाद नाश्ता कर तैयार होने के लिए अपने कमरे में चले गए। काफी देर तक जब वो कमरे से बाहर नहीं निकले तो परिजनों ने जानना चाहा तो दरवाजा अंदर से बंद था। जब दरवाजा तोड़ा गया तो चिकित्सा पदाधिकारी पंखे से लटके हुए पाए गए।
मृत डॉक्टर राम स्वरूप चौधरी को हाल ही में जिले के प्रतिरक्षण पदाधिकारी का भी प्रभार दिया गया था। पिछले साल उन्हें कोविड केयर सेंटर का प्रभार दिया गया था।कुछ दिन पहले वो कोरोना संक्रमित हुए थे।
गौरतलब है कि कोरोना से ठीक होने के बाद अधिकतर मरीजों में थकान की समस्या होती है। यह शिकायत मरीज को ठीक होने के बाद कम से कम दो महीने तक हो सकती है। इन लक्षणों को पोस्ट कोविड सिम्प्टम कहा जाता है। हाल के दिनों में कई लोगों में इस तरह के अधिक लक्षण देखने को मिले हैं।
बताते चलें कि देश में कोरोना टीकाकरण का कार्य लगातार जारी है। हालांकि इस बीच देश के कई राज्यों में एक बार फिर से संक्रमण के दर में तेजी देखने को मिल रही है। जिसके बाद कई राज्य सरकारों ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। कुछ जगहों पर लॉकडाउन भी लगाया गया है।