बिहार विधानसभा में गुरुवार (25 जुलाई 2019) को बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (बीएसईबी) विधेयक 2019 और बिहार तकनीकी सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इन दोनों बिल के पास होने से नौकरशाहों को फायदा होगा। बीएसईबी विधेयक में प्रावधान है कि बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड का चेयरमैन के पद पर अब सिर्फ आईएएस अधिकारी ही नियुक्त किए जाएगा।
शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मान ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा ‘बीएसईबी अधिनियम, 1952 के प्रावधानों के अनुसार शिक्षण क्षेत्र के किसी पद से जुड़े व्यक्ति को हो इस पद नियुक्ति किया जाता था। लेकिन अब नए नियम के मुताबिक इस पद पर सिर्फ एक आईएएस अधिकारी ही नियुक्त किया जाएगा।’ हालांकि इस दौरान जब विपक्षी नेताओं ने उनसे पूछा कि इस नए नियम के क्या फायदे हैं और किसी आईएएस को बोर्ड का चेयरमैन बनाने से क्या फर्क पड़ेगा तो शिक्षा मंत्री कोई जवाब नहीं दे सके।
वहीं बिहार तकनीकी सेवा आयोग अधिनियम 2014 के मुताबिक प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां कमिशन के सेक्रेटरी के पास थीं लेकिन 2015 में बनाए गए नियमों में ये शक्तियां आयोग और उसके चेयरमैन को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव रखा गया। इस वजह से इस एक्ट और इसके नियमों में बदलाव हुए। इस बिल पर चर्चा के दौरान उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक के तहत सरकार चाहती है कि ये सभी शक्तियां आयोग और उसके चेयरमैन के पास रहे।
हालांकि विपक्ष ने इन दोनों विधेयकों को विरोध किया है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी, नेता रामानुज प्रसाद और सीपीआई (एमएल) के महबूब आलम ने कहा कि सरकार दोनों विधेयकों को जल्दबाजी में लेकर आई है। इन दोनों बिलों का क्या उद्देश्य है यह भी साफ नहीं है।