बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लोजपा और जदयू में जारी तल्खी का एक व्यक्तिगत कारण भी है। दरअसल नीतीश कुमार, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान और उनके बीच के उम्र के फासले का काफी जिक्र करते हैं। जिससे शायद चिराग पासवान खुश नहीं हैं। लोजपा नेताओं का कहना है कि बीते एक साल में लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान और जदयू चीफ नीतीश कुमार के बीच बेहद कम बातचीत हुई है। हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ही दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी।

चिराग पासवान इस बात से नाराज बताए जाते हैं कि सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि वह मतभेदों को दूर करने के लिए पासवान सीनियर यानि कि रामविलास पासवान से ही गंभीरता से बात करेंगे। माना जा रहा है कि सीएम द्वारा गंभीरता से ना लिए जाने के कारण ही चिराग पासवान सीएम नीतीश कुमार से नाराज हैं। बीते कुछ समय में चिराग पासवान ने कई मुद्दों पर नीतीश सरकार की आलोचना की है। इनमें कोरोना और बाढ़ के मुद्दे शामिल हैं।

चिराग पासवान का ये भी आरोप है कि सीएम नीतीश कुमार उनके फोन का जवाब भी नहीं देते हैं। चिराग पासवान बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात भी कह चुके हैं। चिराग के हमलावर रुख को देखते हुए जदयू भी लोजपा पर पलटवार कर रही है।

जदयू के वरिष्ठ नेता और मुंगेर से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोजपा प्रमुख चिराग पासवान की तुलना कालीदास से की है। ललन सिंह ने कहा कि ‘वो क्या कहते हैं ये वो जानें, एक कालीदास भी थे, जिनके लिए प्रसिद्ध है कि वह जिस डाल पर बैठे थे, उसी को काटने लगे थे।’

लोजपा और जदयू के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप पर बीजेपी ने भी लोजपा को नसीहत दी है। दरअसल बीते दिनों लोजपा चीफ चिराग पासवान ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से बात की थी। इस दौरान बीजेपी ने लोजपा को नसीहत दी थी कि उसे अपनी ताकत का आकलन करने में यथार्थवादी रहना भी जरुरी है।